Jagannath puri ke 10 rahasy-
जगन्नाथ पुरी के 10 रहस्य Jagannath puri ke 10 rahasy: श्री जगन्नाथ मन्दिर में भगवान जगन्नाथ के ही साथ साथ भाई बालभद्र और बहिन सुभद्रा की काष्ठ प्रतिमा भी हैं। काष्ठ की प्रतिमा वाले इस विषय मन्दिर की और भी बहुत सी विशेषताएं हैं और ये विशेषताएं जो आज भी रहस्यमयीं बनीं हैं। ओडिशा के पुरी शहर का श्री जगन्नाथ मन्दिर हिन्दू धर्म के चार धामों में से एक हैं।
सनातनी हिन्दू धर्म में इस मन्दिर का विशेष महत्व हैं। देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग जगन्नाथ मन्दिर के दर्शन करने आते हैं। इस मन्दिर का निर्माण गंगा वंश के राजा अनंत-वर्मन चोडगंग द्वारा 12वीं शताब्दी में किया गया। माना जाता हैं कि राजा को अपने स्वप्न में भगवान जगन्नाथ के दर्शन हुए थे। इस मन्दिर पर कईं विदेशी हमलें हुए और इस मन्दिर को बहुत बार लूटा गया। इन आक्रमणों के बाद भी मन्दिर की मूर्तियों को बचाए रखा गया। आज की बात करें तो ओडिशा सरकार ने पुरी में स्थित भगवान जगन्नाथ मन्दिर के चारों द्वार एक बार फिर से खोलने का निर्णय लिया हैं।
जगन्नाथ पुरी के 10 रहस्य Jagannath puri ke 10 rahasy:
1. Jagannath puri ke 10 rahasy: जगन्नाथ मन्दिर के शीर्ष पर जो ध्वजा झंडा लगा हैं मान्यतानुसार वह झंडा हवा से विपरीत दिशा में लहराता हैं। ये झंडा नियमित रूप से हर दिन बदला जाता हैं कहा जाता हैं कि जिस दिन ये झंडा नहीं बदला जाता तो मन्दिर को उस दिन से 18 सालों तक के लिए बंद कर दिया जायेगा।
2. जगन्नाथ मन्दिर की रसोई में भी एक रहस्य हैं जोकि इस प्रकार से हैं मान्यतानुसार रसोई में जो प्रसाद बनता हैं। वह सात मिट्टी के बर्तनों में बनाया जाता हैं और इन मिट्टी के बर्तनों को एक के ऊपर एक रखा जाता हैं। अचरज की बात ये हैं कि सातवें मिट्टी के बर्तन में पहले प्रसाद पकता हैं और फिर छठे, पांचवें, चौथे, तीसरे, दूसरे और फिर पहले बर्तन में प्रसाद पककर तैयार होता हैं।
3. मान्यतानुसार भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी देह का त्याग इसी मन्दिर में किया था देह के एक हिस्से को छोड़कर श्रीकृष्ण की सम्पूर्ण देह पंचतत्व में विलीन हो गईं ये एक हिस्सा श्रीकृष्ण का हृदय हैं माना जाता हैं कि मन्दिर में रखे श्रीकृष्ण के लकड़ी के देह में वह हृदय आज भी धड़क रहा हैं।
4. भगवान जगन्नाथ की मूर्तियों को हर 12 सालों में बदला जाता हैं कहते हैं कि मूर्तियों के अंदर ब्रह्म पदार्थ हैं जिसे नई मूर्तियों में डाला जाता हैं इस दौरान बिजली काट दी जाती हैं कोई नहीं जानता कि ये ब्रह्म पदार्थ क्या हैं।
5. भगवान जगन्नाथ मन्दिर में केवल सनातनी हिन्दू ही आ सकतें हैं। इसी कारण भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी मन्दिर में आने की इजाजत नहीं दी गई थी।
6. Jagannath puri ke 10 rahasy: मन्दिर जाने वाले भक्तों के अनुसार मन्दिर के सिंहद्वार में जानें पर जब तक अन्दर कदम नहीं जातें तो समुद्र की लहरों की आवाज आती हैं किन्तु जैसे ही कदम सिंहद्वार में पड़ते हैं वैसे ही समुद्र की लहरों की आवाज रूक जाती हैं।
7. जगन्नाथ मन्दिर यह विश्व का सबसे भव्य और ऊंचा मन्दिर हैं। श्री जगन्नाथ पुरी मन्दिर लगभग 4 लाख वर्गफुट क्षेत्र में फैला हैं और इस मन्दिर की ऊंचाई तकरीबन 214 फुट हैं। मन्दिर के पास खड़े रहकर इसका गुंबद देख पाना असम्भव सा हैं मुख्य गुंबद की छाया दिन के किसी भी समय नहीं दिखाई देती हैं।
8. जगन्नाथ पुरी मन्दिर में किसी भी स्थान से आप मन्दिर के शीर्ष पर लगें सुदर्शन चक्र को देखेंगे तो वह सदैव अपने सामने ही लगा दिखेगा इसे नीलचक्र भी कहते हैं यह अष्टधातु से निर्मित हैं और बहुत ही शुभ व पवित्र माना जाता हैं।
9. जगन्नाथ पुरी मन्दिर के ऊपर गुंबद के आसपास अब तक कोई पक्षी उड़ता हुआ नहीं देखा गया इस मन्दिर के ऊपर से विमान नहीं उड़ाया जा सकता।
10. Jagannath puri ke 10 rahasy: किंवदंती अनुसार तीन बार समुद्र ने जगन्नाथ जी के मन्दिर को तोड़ दिया था माना जाता हैं कि श्री जगन्नाथ जी महाप्रभु ने वीर हनुमान जी को यहां समुद्र को नियंत्रित करने हेतु नियुक्त किया था परन्तु जब तब हनुमान जी भी जगन्नाथ बलभद्र व सुभद्रा के दर्शनों का लोभ संवरण नहीं कर पाते थे। वे प्रभु के दर्शन के लिए नगर में प्रवेश कर जाते थे ऐसे में समुद्र भी उनके पीछे नगर में प्रवेश कर जाता था। हनुमान जी की इस आदत से परेशान होकर जगन्नाथ भगवान ने हनुमान जी को यहां स्वर्ण बेड़ी से आबद्ध कर दिया। इस हनुमान जी के मन्दिर में बहुत बड़ी संख्या में भक्त दर्शनार्थ आते हैं।
नोटः- हमारे इस लेख में दी गई जानकारी की विश्वसनीयता की गारंटी हमारी नहीं हैं। ये जानकारियां सूचना के विभिन्न माध्यमों जैसे कि- ज्योतिष से सम्बंधित पंचांगों, धर्म ग्रंथों और धार्मिक मान्यताओं से प्राप्त की गई हैं और आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य केवल सूचना आप तक पहुंचाना हैं। उपयोगकर्ता इसे सूचना समझकर ही लें। यदि आप किसी भी तरह से इसका उपयोग करते हैं इस की जिम्मेदारी स्वयं आपकी ही होगी।
CONCLUSION- आज हमनें उड़ीसा शहर के पुरी में स्थित जगन्नाथ मन्दिर Jagannath puri ke 10 rahasy: के अद्भुत रहस्यों के बारे में आपको अवगत करवाया हमें आशा हैं कि आपको इन रहस्यों को जानकर हैरानी होगी और आपको ये लेख पसंद आयेगा यदि आपको ये लेख पसंद आयें तो अपने दोस्तों और परिजनों के साथ साझा ज़रूर करें धन्यवाद।
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