Vindhyachal Mata Mandir-Vindhyachal...
हमनें हमारे पिछले लेखों में जगत जननी माता के बहुत से मन्दिरों के बारें में आपको जानकारियां उपलब्ध करवाई जैसे कि - महालक्ष्मी मन्दिर कोल्हापुर, ज्वाला माता मन्दिर हिमाचल प्रदेश, शिला देवी मन्दिर आमेर वैष्णो देवी मन्दिर, मीनाक्षी सुन्दरेश्वर मन्दिर मदुरईं और 51 शक्तिपीठ के माध्यम से जगत जननी माता के बहुत से मन्दिरों के बारें में विस्तृत रूप से आपको अवगत करवाया। इसी क्रम में आगे बढ़ते हुए आज हम हमारे लेख -Vindhyachal Mata Mandir: विंध्याचल माता मन्दिर के बारें में जानेंगे तो आयें जानते हैं इस मन्दिर के बारें में -
Vindhyachal Mata Mandir: जानें विंध्याचल माता मन्दिर का इतिहास रहस्य, आरती समय...
Vindhyachal Mata Mandir: महादेवी गंगा के तट पर विंध्याचल मन्दिर भारत का एक प्रमुख शक्तिपीठ मन्दिर हैं जोकि उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर से लगभग 70 कि. मी. दूर स्थित हैं । किंवदंती अनुसार- दानव महिषासुर पर विजय प्राप्त कर विंध्याचल को माता ने अपने निवास स्थान के रूप में चुना। शास्त्रों के अनुसार- विंध्याचल शहर के भीतर देवी दुर्गा के निवास के रूप में मान्यता प्राप्त हैं।
1. विंध्याचल मन्दिर का इतिहास History of Vindhyachal Temple:-
Vindhyachal Mata Mandir: विंध्याचल और विंध्यवासिनी का उल्लेख भारत के कई प्राचीन ग्रंथों में किया गया हैं इनमें से कुछ विशेष ग्रंथ हैं -1. मार्कंडेय पुराण 2. महाभारत 3. मत्स्य पुराण 4. राज तरंगिणी 5. देवी भागवत 6. वामन पुराण 7. बृहत कथा 8. कादंबरी 9. स्कंद पुराण 10. हरिवंश पुराण और कई तंत्र शास्त्रों में पायें जातें हैं। विशेष कर- मार्कण्डेय पुराण में देवी दुर्गा और महिषासुर के बीच युद्ध का विस्तृत वर्णन देखने को मिलता हैं।
2. विंध्याचल मन्दिर खुलने का समय Vindhyachal Temple opening time:-
Vindhyachal Mata Mandir: विंध्याचल मन्दिर प्रातः 05:00 बजें से अपराह्न 12:00 बजें तक और अपराह्न 1:30 बजें से सायंकाल 07:15 तक तथा रात्रि काल 08:15 बजें से 10:30 बजें तक खुला रहता हैं। इस दौरान श्रद्धालु मन्दिर में दर्शन लाभ प्राप्त करते हैं। नोट:- आरती समय मंगला आरती प्रातः 03.00 बजें से 04:00 बजें तक मध्याह्न आरती दोपहर 12:00 बजें से 01:00 बजें तक सांध्य आरती सांय 07:00 बजें से 08:00 बजें तक राजश्री आरती रात्रि 9:30 बजें से 10:00 बजें तक-
3. विंध्याचल मन्दिर के रहस्य Secrets of Vindhyachal Temple:-
Vindhyachal Mata Mandir: 1. देवी दुर्गा और असुर राज महिषासुर के बीच युद्ध विंध्याचल में ही हुआ था। 2. विंध्याचल विश्व पटल पर एक मात्र स्थान हैं जहां देवी के तीनों स्वरूपों लक्ष्मी, मां काली और सरस्वती को समर्पित विशिष्ट मन्दिर हैं। 3. विंध्याचल एक विशिष्ट स्थान हैं जहां देवी की पूजा वाम मार्ग के सिध्दांतों के साथ साथ हिंदू धर्म के शक्ति पंथ के दक्षिण मार्ग के अनुसार की जाती हैं। 4. प्रभु श्री राम ने वनवास काल में अपनी सहचरी सीता और भाईं लक्ष्मण के साथ इस स्थान और आसपास के क्षेत्रों का दौरा किया था। 5. वर्तमान में भारतीय मानक समय रेखा जो संपूर्ण भारत का समय क्षेत्र तय करती हैं वह रेखा देवी विंध्यवासिनी की मूर्ति से होकर गुजरती हैं। 6. मध्य युग में कुख्यात और हत्यारे पिंडारी ठग विंध्याचल की देवी विंध्यवासिनी की पूजा करते थें।
4. विंध्याचल के मन्दिर Temples of Vindhyachal:-
1. कंकाली देवी मन्दिर 2. अष्टभुजा मन्दिर 3. रामगया घाट 4. रामेश्वर महादेव मन्दिर 5. काली खोह मन्दिर और 6. सीता कुण्ड आदि..
नोटः- 'इस लेख में दी गई जानकारी, सामग्री, गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं हैं। सूचना के विभिन्न माध्यमों, ज्योतिषियों, पंचांग, प्रवचनों, धार्मिक मान्यताओं, धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना हैं, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।'
CONCLUSION- आज हमनें हमारें लेंख Vindhyachal Mata Mandir: के माध्यम से मन्दिर के इतिहास, रहस्य और आरती समय के बारे में विस्तृत रूप से आप सभी को बताया आशा करते हैं कि आपको हमारा ये लेख पसंद आया हो तो अपने दोस्तों और परिजनों के साथ शेयर जरुर करें धन्यवाद।
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