Mahakumbh 2025: महाकुंभ...
अक्सर हम अपने लेख के माध्यम से आपको बहुत पुरातन मन्दिरों के बारें में बताते हैं और इसके साथ ज्योतिष विषय में आपको कुछ ना कुछ जानकारियां समय समय पर अपने लेखों के माध्यम से उपलब्ध करवाते हैं जिसमें हमारी मदद छोटी काशी के सुप्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित रमेश कुमार शर्मां करतें हैं। आज चर्चा करतें हुए पंडित जी ने कुंभ मेले के बारें में अवगत करवाया तो आयें जानते हैं कि-
कुंभ मेला 2025 में कहां होने जा रहा हैं? मेले के अन्तर्गत होने वाले शाही स्नान की दिनांक क्या हैं? और जानेंगे क्यों लगता हैं कुंभ मेला? तो आयें जानेतें हैं इस लेख के माध्यम से- Mahakumbh 2025 महाकुंभ का महत्व, शाही स्नान की दिनांक और इसे जुड़ी अहम बातें पुराणों के अनुसार- कुंभ मेले का आयोजन तभी होता हैं जब बृहस्पति कुंभ राशि में और सूर्य मेष राशि में प्रवेश करतें हैं इस स्थिति में ही कुंभ मेले का आयोजन होता हैं। कुंभ का शाब्दिक अर्थ कलश हैं। ज्योतिष शास्त्र में कुंभ राशि का भी यहीं चिह्न होता हैं।
Mahakumbh 2025: महाकुंभ का महत्व, शाही स्नान की दिनांक और इसे जुड़ी अहम बातें...
Mahakumbh 2025: हर तीन वर्ष में कुंभ मेले का आयोजन किया जाता हैं, प्रत्येक छः वर्ष में अर्धकुंभ का आयोजन होता हैं और प्रत्येक बारह वर्ष में महाकुंभ का आयोजन होता हैं पिछला कुंभ वर्ष 2013 में प्रयाग में महाकुंभ का आयोजन हुआ था। फिर 2019 में प्रयाग में अर्धकुंभ का आयोजन हुआ था। अब वर्ष 2025 में प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन होगा।
1. क्यों लगता हैं कुंभ मेले Why is Kumbh Mela held?
Mahakumbh 2025: पुराणों के अनुसार समुद्र मंथन से अमृत कलश की उत्पत्ति हुई, इस अमृत कलश को राक्षसों ने देवताओं से छीन लिया। इस अमृत की चाह में देवताओं और राक्षसों में युद्ध होने लगा इस युद्ध के कारण अमृत कलश से कुछ बूंदें पृथ्वी पर आ गिरी- पहली बूंद प्रयाग में दूसरी बूंद हरिद्वार में तीसरी बूंद उज्जैन में और चौथी बूंद नासिक में गिरी अतः इन चारों जगह पर ही कुंभ मेले का आयोजन होता हैं। इसी कारण पुराणों और सनातन धर्म में इन चारों स्थानों को पवित्र माना जाता हैं।
2. कुंभ मेले का महत्व Importance of Kumbh Mela:-
Mahakumbh 2025: 1. कुंभ मेले विश्व का सबसे बड़ा सांस्कृतिक और धार्मिक मेला हैं। 2. कुंभ मेले के दौरान सनातन संतों के सहज दर्शन होते हैं। 3. आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति होती हैं। 4. कुंभ मेले का आयोजन हर 12 वर्ष में एक बार होता हैं। 5. नागा साधु नागा संन्यासियों के सहज दर्शन। नोट:- देवताओं के लिए 12 दिन पृथ्वीवासियों के लिए 12 साल के बराबर मानें जातें हैं। देवताओं और असुरों के माध्यम युद्ध 12 वर्ष तक चला था इसलिए हर 12 वर्ष में कुंभ मेले का आयोजन होता हैं।
3. कुंभ मेले 2025 में कहां होने जा रहा हैं Where is Kumbh Mela going to be held in 2025?
Mahakumbh 2025: कुंभ मेले का आयोजन वर्ष 2025 में भारत देश के राज्य उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिलें के त्रिवेणी संगम पर 14 जनवरी 2025 को मकर संक्रांति से शुरू होगा और 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि के दिन समाप्त होगा प्रयागराज में कुंभ स्नान की ज्योतिष स्थिति - मेष राशि के चक्र में बृहस्पति एवम् सूर्य और चन्द्र के मकर राशि में प्रवेश करने पर अमावस्या के दिन कुंभ का पर्व प्रयाग में आयोजित किया जाता हैं। अन्य गणना के अनुसार मकर राशि में सूर्य का एवम् वृष राशि में बृहस्पति का प्रवेश होनें पर कुंभ पर्व प्रयाग में आयोजित किया जाता हैं।
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