कनक दुर्गा मन्दिर विजयवाड़ा Kanak Durga Temple Vijayawada...

हमनें  बहुत से लेखों में आंध्र प्रदेश के बहुत से मन्दिर के बारे में आपको जानकारियां उपलब्ध करवाई जैसे कि- गड्डीमल्लम मन्दिर, तिरुपति बालाजी मंदिर और श्रीकालाहस्ती मंदिर इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए आज हम आपको आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में स्थित कनक दुर्गा Kanak Durga विश्व प्रसिद्ध मन्दिर के बारे में आपको जानकारी उपलब्ध करवायेंगे ये एक हिन्दू सनातनी मन्दिर हैं ये मन्दिर कृष्णा नदी के किनारे इंद्रकीलाद्री पहाड़ी { यहाँ पर इंद्र देव भी भ्रमण करने आते हैं इसलिए इस पर्वत का नाम इंद्रकीलाद्री पड़ गया } पर स्थित हैं।

Kanak Durga Temple Vijayawada

कनक दुर्गा मन्दिर विजयवाड़ा Kanak Durga Temple Vijayawada...

Kanak Durga Temple Vijayawada: दुर्गा सप्तशती, कालिका पुराण और बहुत से वैदिक साहित्यों में इंद्रकीलाद्री पर्वत पर देवी कनक दुर्गा का विस्तृत उल्लेख मिलता हैं और इन साहित्यों में देवी को स्वयंभू बताया हैं। कनक दुर्गा को देवी शाकम्भरी का रूप भी माना जाता हैं इस मन्दिर में शाकम्भरी उत्सव मनाया जाता हैं। भारत देश में माता शाकम्भरी का मुख्य मन्दिर उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के निकट शिवालिक पर्वत श्रृंखला में हैं शाकम्भरी देवी ही विजयवाड़ा में कनक दुर्गा के नाम से विख्यात हैं ।

1. देवी कनक दुर्गा की कथा Story of Goddess Kanak Durga:-

Kanak Durga Temple Vijayawada: देवी कनक दुर्गा मन्दिर से जुड़ी एक पौराणिक कथा हैं -राक्षसों ने अपनी शक्ति का प्रयोग कर धरती पर घोर तबाही मचा दी तब माता पार्वती ने अलग अलग रूप धारण किया महिषासुर के वध के लिए "महिषासुरमर्दिनी" दुर्गमासुर के वध के लिये "शाकम्भरी देवी" और शुंभ-निशुंभ के लिये को मारने के लियें "कौशिकी" का रूप धरा कनक दुर्गा Kanak Durga ने अपने श्रद्धालु कीलाणु को पर्वत बनकर स्थापित होने का आदेश दिया ताकि वह वहाँ वास कर सकें। महिषासुर का वध करते हुए इंद्रकिलाद्रि पर्वत पर माँ आठ हाथों में अस्त्रयुक्त हो शेर पर सवार हैं। पास की ही एक चट्टान पर ज्योतिर्लिंग के रूप में शिव भी स्थापित हैं। ब्रह्मा ने यहाँ शिव की मलेलु (बेला) के पुष्पों से आराधना की थी, इसलिए यहाँ स्थापित शिव का एक नाम "मलेश्वर स्वामी" पड़ गया।

Kanak Durga Temple Vijayawada: विजयवाड़ा रेल्वे स्टेशन से 2.3 कि.मी की दूरी पर कनक दुर्गा मन्दिर स्थित हैं इस मन्दिर के आसपास के मनोरम दृश्य मन को मोह लेते हैं मन्दिर तक जाने के लियें सीढियां बड़े-बड़े चौक के साथ बनी हुई हैं जिनके द्वारा मन्दिर प्रांगण में आसानी से पहुंचा जा सकता हैं इनके साथ यहां बड़े-बड़े हाॅलनुमा कमरे बने हैं जिसमें प्रसाद व माता के वस्त्रों की दुकान बनीं हुईं हैं इसके अलावा वहां आप आराम भी कर सकते हैं। इन कमरों के बाहर खिड़कियों से देखने पर विजयवाड़ा शहर के मनोरम दृश्यों को आसानी से देखा जा सकता हैं और कृष्णा नदी तट भी आसानी से देखा जा सकता हैं। 

Kanak Durga Temple Vijayawada: मन्दिर प्रशासन के द्वारा यहां पर लिफ्ट की व्यवस्था भी की गई हैं जिसके द्वारा भी मन्दिर में आसानी से पहुंचा जा सकता हैं विशेष दर्शन के लियें आपको कुछ राशि का टिकिट लेना पड़ता हैं मुख्य रूप से मन्दिर में "नारियल" "माता की चुनरी" व "हल्दी" मुख्य रूप से मां को अर्पित कि जाती हैं। कनक दुर्गा मन्दिर विजयवाड़ा की लाइफ लाइन माना जाता हैं हिंदू धर्मग्रंथों में उल्लेख हैं कि श्री कनक दुर्गा देवी मां स्वयंभू अर्थात स्वयं प्रकट मूर्ति हैं अतः इसे बहुत ही शक्तिशाली माना जाता हैं।

Kanak Durga Temple Vijayawada

2. कनक दुर्गा मन्दिर के उत्सव Kanak Durga Temple Festivals:-

Kanak Durga Temple Vijayawada: श्रावण मास के दौरान हर शुक्रवार को "वर लक्ष्मी व्रत" विशेष श्रध्दा के साथ किया जाता हैं इस माह के दौरान कम से कम 50,000 हजार से अधिक लोग इस उत्सव में भाग लेते हैं और अपनी मनोकामना पूर्ण करते हैं। नवरात्रि के अवसर पर यहां विशेष पूजा का महत्व हैं कनक दुर्गा मन्दिर में हर वर्ष दशहरा का त्यौहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता हैं। बड़ी संख्या में तीर्थयात्री रंगारंग समारोह में भाग लेते हैं और कृष्णा नदी में पवित्र स्नान करते हैं और पवित्र होते हैं । कनक दुर्गा मन्दिर में दस दिनों की अवधि { नवरात्र के नौ दिन व दशहरा का एक दिन } में कनक दुर्गा के दस रूपों की पूजा की जाती हैं- "स्वर्ण कवचलंकृता दुर्गां"  "बाला त्रिपुर सुंदरी"  "अन्नपूर्णा" "गायत्री" "ललिता त्रिपुर सुंदरी" "सरस्वती"  "महालक्ष्मी" "दुर्गां" "महिषासुर मर्दिनी" "राजा राजेश्वरी देवी"  के रूप में सजाया जाता हैं। नोटः- विजयदशमी के दिन देवियों को हंस के आकार की नावों पर स्थापित करके कृष्णा नदी का भ्रमण करवाया जाता हैं। यह प्रथा "थेप्पोत्सवम" के नाम से प्रचलित हैं। यह त्यौहार नौ दिन तक चलता हैं दशहरा के अवसर पर यहाँ आयुध पूजा का आयोजन किया जाता हैं।

3. परिवहन सुविधा Transportation Facility:-

Kanak Durga Temple Vijayawada: परिवहन विजयवाड़ा शहर के मध्य में स्थित कनक दुर्गा मन्दिर रेल्वे स्टेशन और बस स्टैंड से मात्र 10 मिनट की दूरी पर हैं यहां आसानी से पहुंचा जा सकता हैं और हवाई अड्डे से लगभग 20 कि. मि दूर हैं। आप मन्दिर तक पहुंचने के लिये टैक्सी भी ले सकते हैं। रेल्वे स्टेशन और बस स्टैंड से हर 20 मिनट में बसें भी उपलब्ध हैं जिनका भी लाभ आप ले सकते हैं। हैदराबाद से विजयवाड़ा की दूरी 275 कि. मी की हैं। विजयवाड़ा शहर देश के सभी बड़े शहरों से सड़क, रेल व हवाई मार्ग से आसानी से जुड़ा हैं और यहां आसानी से पहुंचा जा सकता हैं।

Kanak Durga Temple Vijayawada

4. कनक दुर्गा मन्दिर दर्शन समय Kanak Durga Temple Darshan Timings:-

मन्दिर सभी दिनों में सुबह 5:00 बजे से रात 9:00 बजे तक खुला रहता हैं नोटः- सिवाय गुरुवार के जब यह दोपहर 1:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक बंद रहता हैं। हालाँकि- मूर्ति दर्शन और अन्य व्यक्तिगत पूजा के लिए अलग-अलग समय हैं। धर्म दर्शनम या परिसर के निःशुल्क भ्रमण समय हैं:- सुबह 4:00 बजे से सुबह 6:00 बजे तक सुबह 7:00 बजे से सुबह 11:00 बजे तक दोपहर 12:15 बजे से शाम 4:00 बजे तक शाम 6:15 बजे से रात 10:00 बजे तक- 

नोटः- मुखमंडप दर्शनम या देवता के दर्शन के लिए 100 रुपये प्रति व्यक्ति समय हैं:- सुबह 5:00 बजे से शाम 5:45 बजे तक शाम 6:15 बजे से रात 10:00 बजे तक-

नोटः- अंतराल दर्शनम या गर्भगृह के दर्शन के लिए 300 रुपये प्रति व्यक्ति समय हैं:- सुबह 5:00 बजे से सुबह 6:00 बजे तक सुबह 7:00 बजे से सुबह 11:00 बजे तक दोपहर 12:15 बजे से शाम 4:00 बजे तक शाम 6:15 बजे से रात 10:00 बजे तक-

नोटः- स्वर्ण पुष्पार्चन के लिए 2 लोगों के लिए 650 रुपये समय हैं:- सुबह 7:00 बजे से 9:00 बजे तक-

नोटः- शिवार्चन या भगवान शिव की पूजा के लिए 2 लोगों के लिए 650 रुपये समय हैं:- सुबह 8:00 बजे से 10:00 बजे तक-

5. कनक दुर्गा मन्दिर में दर्शन के लिए सुझाव Tips for visiting Kanak Durga Temple:-

Kanak Durga Temple Vijayawada

नोटः-'इस लेख में दी गई जानकारी, सामग्री, गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं हैं। सूचना के विभिन्न माध्यमों, ज्योतिषियों, पंचांग, प्रवचनों, धार्मिक मान्यताओं, धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना हैं, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।'

CONCLUSION-आज हमनें हमारे लेख कनक दुर्गा मन्दिर विजयवाड़ा Kanak Durga Temple Vijayawada के माध्यम से देवी की कथा, मन्दिर में होने वाले उत्सव, मन्दिर तक पहुंचने के लिये परिवहन सुविधा, मन्दिर के दर्शन समय और कनक दुर्गा मन्दिर में दर्शन के लियें कुछ सुझावों के बारे में इस लेख के माध्यम से बताया।

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