Rukmini Temple Dwarka Gujarat...

पाठकों हमनें हमारे पिछले लेखों के माध्यम से श्रीकृष्ण से सम्बन्धित मन्दिर और भजन के बारें में आप सभी को जानकारीयॉं उपलब्ध करवाईं हमारे वे लेख इस प्रकार थे- श्री कृष्ण भजन, गोपाल सहस्त्रनाम का महत्व, श्री द्वारकानाथ या श्री द्वारिकाधीश मन्दिर और मन्दिर‌ श्री गोविन्द देव जी कथा आदि लेखों के माध्यम से श्रीकृष्ण भगवान के बारे में थोड़ा बहुत जाना इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुये हम आज हमारे लेख रुक्मिणी मन्दिर द्वारका गुजरात के माध्यम से श्रीकृष्ण की प्रियासी रुक्मिणी माँ के बारे में विस्तृत रूप से जानेंगे तो आयें जानते हैं गुजरात राज्य के द्वारका नगर के पास माता रूक्मिणी मन्दिर के बारें में-

Rukmini Temple Dwarka Gujarat

Rukmini Temple Dwarka Gujarat रूक्मिणी मन्दिर द्वारका गुजरात-

Rukmini Temple Dwarka Gujarat: रूक्मिणी मन्दिर श्री द्वारकाधीश मन्दिर से 2 कि. मी दूर स्थित हैं ये नगर की सीमा से दूर क्यों हैं? इसके बारें में भी हम जानेंगे इस मन्दिर का क्या महत्व हैं? इस मन्दिर तक कैसे पंहुचा जायें? आदि के बारें में हम विस्तृत रूप से इस लेख के माध्यम से जानेंगे तो आयें जानते हैं Rukmini Temple Dwarka Gujarat रूक्मिणी मन्दिर द्वारका गुजरात के माध्यम से- जैसा कि हम सभी सनातनी ये जानते हैं कि हिन्दू धर्म में ये मान्यता हैं कि अपने सभी सांसारिक कर्तव्यों को पूरा कर चारधाम की यात्रा करने का एक अलग ही महत्व होता हैं ये चारधाम- बद्रीनाथ, जगन्नाथपुरी, रामेश्वरम और द्वारकाधीश प्रमुख हैं। द्वारका ना केवल श्रीकृष्ण का धाम हैं अपितु माता रूक्मिणी का भी स्थान हैं देवी रूक्मिणी श्रीकृष्ण की पत्नियों में से एक थी जो श्रीकृष्ण को अत्यंत प्रिये थी। श्री द्वारकाधीश से 2 कि. मी दूर माता रुक्मिणी का भव्य मन्दिर हैं एक मान्यता के अनुसार द्वारकाधीश की यात्रा जब ही पूर्णं मानी जाती हैं जब आप माता रुक्मिणी देवी के मन्दिर में दर्शन करें।

जैसा की सभी हिन्दू जानते हैं कि- श्रीकृष्ण पालनहार श्री विष्णु के ही अवतार हैं अत: रुक्मिणी भगवान विष्णु की पत्नी देवी लक्ष्मी के अवतारों में से एक हैं। इस मन्दिर में जानें से आपको जीवन में समृद्धि और शांति का आर्शीवाद प्राप्त होता हैं। ये मन्दिर पश्चिमी भारत के गुजरात में सौराष्ट्र के तट पर द्वारका के ऐतिहासिक मन्दिर श्री द्वारकाधीश से 2 कि. मी दूर स्थित हैं इस मन्दिर में आप पैदल चल कर भी पंहुच सकते हैं नहीं तो बस, टैक्सी या रिक्शा कर भी पंहुच सकते हैं। ऐसा कहा जाता हैं कि- यह मन्दिर 2500 वर्ष से भी अधिक पुराना हैं वर्तमान मन्दिर 12वीं शताब्दी का बताया जाता हैं ये मन्दिर भगवान श्रीकृष्ण की पत्नी रूक्मिणी को समर्पित एक हिन्दू मन्दिर हैं, इस मन्दिर में देवी देवताओं की समृद्ध नक्काशी मन्दिर में स्थित दिखाई देती हैं गर्भग्रह में रुक्मिणी देवी की मुख्य मूर्ति हैं। ये मूर्ति एक सुंदर संगमरमर की मूर्ति हैं जिसके चारों भुजाओं में शंख, चक्र, गदा और पद्म हैं ये एक अद्भुत मुर्ति हैं जो सभी भक्तजनों को मोहित कर लेती हैं।

Rukmini Temple Dwarka Gujarat

1. रूक्मिणी मन्दिर की विशेषता Rukmini mandir kee visheshata:-

Rukmini Temple Dwarka Gujarat: माता रुक्मिणी मन्दिर हिन्दूओं के चारधाम में से एक द्वारकाधीश मन्दिर के समीप ही स्थित हैं द्वारकाधीश मन्दिर से इस मन्दिर की दूरी तकरीबन 2 कि. मी हैं यहाँ द्वारकाधीश के दर्शन कर आसानी से पंहुचा जा सकता हैं। किंवदंती अनुसार द्वारकाधीश धाम की यात्रा जब ही पूर्ण मानी जाती हैं जब आप रूक्मिणी माता के दर्शन करें ये एक आध्यात्मिक स्थान हैं ये मन्दिर भगवान श्रीकृष्ण की पत्नी और माता लक्ष्मी के अवतार रुक्मिणी देवी को समर्पित एक आस्था स्थल (मन्दिर) हैं ये मन्दिर 2500 वर्ष पुराना मन्दिर हैं या माना जाता हैं ये मन्दिर चूना पत्थर से निर्मित एक अद्भुत मन्दिर हैं ये एक वास्तुकला का अनूठा संगम हैं इस मन्दिर में हिन्दू देवी- देवताओं की बहुत ही सुन्दर मूर्तियां समृद्ध नक्काशीयों के रूप में मन्दिर प्रागंण में स्थापित की गईं हैं। इस मन्दिर में समृद्ध नक्काशीदार संरचना और नक्काशीदार मानव मूर्तियों और गजथारों की आर्कषक करने वाली छवियों मनमोहक हैं, मुख्य मन्दिर में एक पारंपरिक शिखर हैं जो मंडप के गोलार्ध गुंबद से विपरीत हैं श्रीद्वारकाधीश मन्दिर से कुछ दूरी पर बना ये मन्दिर प्रागंण द्वारका का प्रमुख आकर्षण केन्द्र हैं।

नोटः-'इस लेख में दी गई जानकारी, सामग्री, गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों, ज्योतिषियों, पंचांग, प्रवचनों, धार्मिक मान्यताओं, धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।'

CONCLUSION- आज हमनें हमारें लेख Rukmini Temple Dwarka Gujarat रूक्मिणी मन्दिर द्वारका गुजरात के माध्यम से विस्तृत रूप से रुक्मिणी मन्दिर के बारे में जाना।

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