Sharad Purnima 2023: शरद पूर्णिमा कब हैं?

Sharad Purnima 2023: शरद पूर्णिमा कब हैं? कोजागरी पूर्णिमा पर घर आएंगी माता लक्ष्मी जानें पूजा  मुहूर्त और खीर का महत्व- हमनें हमारें पिछले लेख शरदपूर्णिमा का महत्व के माध्यम से जाना कि शरदपूर्णिमा का हमारें जीवन में कितना महत्व हैं शरदपूर्णिमा की पुराणों में काफी बड़ी महीमा का वर्णन मिलता हैं महालक्ष्मी के जन्म से लेकर महारस तक श्रीकृष्ण को लेकर सभी इस पूर्णिमा से सम्बन्ध रखते हैं आशिवनी महा के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा, कोजागर पूर्णिमा, रास पूर्णिमा और कुमार पूर्णिमा के नामों से भी जाना जाता हैं इन सब के पीछे कोईं ना कोईं पौराणिकता जुड़ी हुईं हैं।

Sharad Purnima 2023
 

Sharad Purnima 2023: शरद पूर्णिमा कब हैं?

Sharad Purnima 2023: इसी विषय को आगें बढ़ाते हुयें आज हम अपने इस लेख- Sharad Purnima 2023 शरद पूर्णिमा में और विस्तृत रुप से चर्चा करेंगे शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण होता हैं शरद पूर्णिमा की रात माता लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं तो आयें जानतें हैं कि- शरद पूर्णिमा कब हैं? शरद पूर्णिमा को लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त क्या हैं? शरद पूर्णिमा पर खीर का महत्व क्या हैं?

Sharad Purnima 2023: शरद पूर्णिमा आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती हैं शरद पूर्णिमा को "कोजागरी पूर्णिमा" "रास पूर्णिमा" और "पूनम पूर्णिमा" के नामों से भी जाना जाता हैं।  शरद पूर्णिमा सालभर की सभी पूर्णिमाओं में सर्वश्रेष्ठ मानी जाती हैं। शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से परिपूर्णं होता हैं।  धार्मिक मान्यताओं के अनुसार- शरद पूर्णिमा की रात माता लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और वे उन घरों में जाती हैं जहां पर प्रकाश, साफ-सफाई होती हैं और उनके स्वागत में घर के द्वार खुले होते हैं आयें जानते हैं- कि शरद पूर्णिमा कब हैं? शरद पूर्णिमा को लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त क्या हैं? शरद पूर्णिमा पर खीर का महत्व क्या हैं?

1. इस साल कब हैं शरद पूर्णिमा When is Sharad Purnima 2023 this year?

Sharad Purnima 2023: छोटी काशी जयपुर के ज्योतिषाचार्य रमेश कुमार शर्मा बतातें हैं कि- इस साल आश्विन पूर्णिमा तिथि 28 अक्टूबर दिन शनिवार को प्रात: 04 बजकर 17 मिनट पर शुरू होगी इस तिथि का समापन 29 अक्टूबर को दोपहर 01:53 पर होगा। उदयातिथि और पूर्णिमा में चंद्रोदय समय के आधार पर इस साल शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर को मनाईं जा रहीं हैं। 

2. शरद पूर्णिमा पर चंद्रोदय कब होगा When will moonrise occur on Sharad Purnima 2023 ?

Sharad Purnima 2023: इस साल शरद पूर्णिमा पर चंद्रोदय शाम 05 बजकर 20 मिनट पर होगा और पूर्णिमा का चंद्रास्त समय प्राप्त नहीं हैं।  28 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा व्रत, स्नान-दान, कोजागर पूर्णिमा व्रत और माता लक्ष्मी की पूजा की जाएगी-

3. रवि योग और अश्विन नक्षत्र में शरद पूर्णिमा Sharad Purnima 2023 in Ravi Yoga and Ashwin Nakshatra:-

Sharad Purnima 2023: शरद पूर्णिमा के दिन रवि योग, रेवती और अश्विनी नक्षत्र होगा रवि योग और दोनों नक्षत्र शुभ हैं रवि योग सुबह 06:30  से 07:31 तक रहेगा। रेवती नक्षत्र सुबह से लेकर 07:31 A.M तक हैं उसके बाद से अश्विनी नक्षत्र अगले दिन 29 अक्टूबर को 05:54 A.M तक हैं अश्विनी नक्षत्र में शरद पूर्णिमा का होना स्वास्थ्यवर्द्धक माना जाता हैं क्योंकि अश्विनी कुमार देवताओं के चिकित्सक हैं। 

4. शरद पूर्णिमा लक्ष्मी पूजा मुहूर्त Sharad Purnima 2023 Lakshmi Puja Muhurta:-

Sharad Purnima 2023: शरद पूर्णिमा की रात माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं उस दिन रात्रि में पूजा के 3 शुभ मुहूर्तं हैं उस रात आप शुभ-उत्तम मुहूर्तं 08:52 A.M से 10:29 P. M अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्तं 10:29 P.M  से 12:05 A.M तक और चर-सामान्य मुहूर्तं 12:05 A.M से 01:41 A.M तक हैं इन तीनों मुहूर्तं में आप माता लक्ष्मी की पूजा कर सकते हैं। 

5. शरद पूर्णिमा का महत्व Importance of Sharad Purnima:- 

Sharad Purnima 2023: 1. शरद पूर्णिमा के दिन कोजागरी व्रत और पूजा करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार- इस रात माता लक्ष्मी पृथ्वी पर विचरण करती हुईं लक्ष्मी पूछती हैं कि कौन जाग रहा हैं? इस वजह से शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा भी कहते हैं।

2. शरद पूर्णिमा को चंद्रमा की पूजा करते हैं इससे जीवन में सुख और समृद्धि बढ़ती हैं चंद्रमा को अर्घ्य देने से कुण्डली का चंद्र दोष दूर होता हैं। 

3. शरद पूर्णिमा की रात आसमान से अमृत की वर्षा होती हैं क्योंकि उस समय चंद्रमा अपने 16 कलाओं से युक्त होकर अमृत वर्षा करता हैं शरद पूर्णिमा की रात खुले आसमान के नीचे खीर रखते हैं और उसमें चंद्रमा की अमृत गुणों से युक्त किरणें पड़ती हैं जिससे वह खीर अमृत के समान स्वास्थ्यवर्द्धक हो जाती हैं।  

4. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार- शरद पूर्णिमा के दिन ही भगवान श्रीकृष्ण ने महारास रचाया था जिसके कारण शरद पूर्णिमा को रास पूर्णिमा भी कहते हैं।

नोटः-'इस लेख में दी गई जानकारी, सामग्री, गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं हैं। सूचना के विभिन्न माध्यमों, ज्योतिषियों, पंचांग, प्रवचनों, धार्मिक मान्यताओं, धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना हैं, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।'

CONCLUSION-आज हमनें हमारें लेख Sharad Purnima 2023: शरद पूर्णिमा कब हैं के माध्यम से जाना की शरद पूर्णिमा का महत्व क्या हैं? शरद पूर्णिमा पर लक्ष्मी पूजा का मूहूर्त क्या हैं? कौन से नक्षत्र में शरद पूर्णिमा मनाईं जायेगी? और इस साल शरद पूर्णिमा किस दिन मनाईं जा रही हैं? 

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