Belpatra Ke Mahatv बिल्वपत्र के महत्व...
श्रावण मास भगवान शिव का प्रिय महिना हैं ये मास हर सनातनी के लिए महत्वपूर्ण मास हैं भगवान शिव की आराधना इस माह में बड़े धूमधाम से की जाती हैं। श्रावण मास में भगवान शिव को प्रिये बिल्वपत्र का भी महत्व बड़ जाता हैं। हमनें हमारें पिछले लेख में रूद्राक्ष के बारें में भी जाना था रूद्राक्ष भी भगवान शिव को अत्यंत प्रिय हैं श्रावण मास चल रहा हैं सावन माह में आने वाले तीज त्योहार के बारें में आपने लेखों के माध्यम से विस्तृत रूप में बताया जैसे कि - मंगला गौरी व्रत, नागपंचमी, हरियाली तीज, और अगस्त के त्योहार आदि इन सभी लेखों के माध्यम से श्रावण माह में आनें वाले सभी व्रत और त्योहारों के बारें में विस्तृत रूप से बताया इसी क्रम में आगें बढ़ाते हुयें हमारें लेख- Belpatra Ke Mahatv बिल्वपत्र के महत्व के बारें में विस्तृत रूप से जानेंगे तो आयें जानते हैं बिल्वपत्र के महत्व के बारें में-
Belpatra Ke Mahatv बिल्वपत्र के महत्व...
1. बिल्वपत्र के महत्व Belpatra ke Mahatv:-
1. बिल्व वृक्ष के आसपास सांप नहीं आते। 2. अगर किसी की शव यात्रा बिल्व वृक्ष की छाया से होकर गुजरे तो उसका मोक्ष हो जाता हैं। 3. वायुमंडल में व्याप्त अशुध्दियों को सोखने की क्षमता सबसे ज्यादा बिल्व वृक्ष में होती हैं। 4. चार, पांच, छः या सात पत्तो वाले बिल्व पत्र पाने वाला परम भाग्यशाली और शिव को अर्पण करने से अनंत गुना फल मिलता हैं। 5. बेल वृक्ष को काटने से वंश का ना'श होता हैं एवं बेल वृक्ष लगाने से वंश की वृद्धि होती हैं। 6. सुबह शाम बेल वृक्ष के दर्शन मात्र से पापो का नाश होता हैं। 7. बेल वृक्ष को सींचने से पित्र तृप्त होते हैं। 8. बेल वृक्ष और सफ़ेद आक् को जोड़े से लगाने पर अटूट लक्ष्मी की प्राप्ति होती हैं। 9. बेल पत्र और ताम्र धातु के एक विशेष प्रयोग से ऋषि मुनि स्वर्ण धातु का उत्पादन करते थे। 10. जीवन में सिर्फ एक बार और वो भी यदि भूल से भी शिव लिंग पर बेल पत्र चढ़ा दिया हो तो भी जीव सभी पापों से मुक्त हो जाते हैं। 11. बेल वृक्ष का रोपण, पोषण और संवर्धन करने से महादेव से साक्षात्कार करने का अवश्य लाभ मिलता हैं।
पुराणों के अनुसार- श्रावण की शिवरात्रि के दिन विधान के साथ रूद्राभिषेक करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं इस दिन बेल प्रत्र से पूजा करने पर आर्थिक परेशानियों से मुक्ति मिलती हैं मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव को बेलपत्र अर्पित करते समय अगर इन प्रभावशाली मंत्रो का जाप किया जायें तो धन सबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलता हैं-
2. बिल्वपत्र अर्पण मंत्र Belpatra Arpan Mantra:-
त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रिधायुधम् । त्रिजन्मपापसंहारं बिल्वपत्रं शिवार्पणम् ॥
अखण्डै बिल्वपत्रैश्च पूजये शिव शंकरम् । कोटिकन्या महादानं बिल्व पत्रं शिवार्पणम् ॥
दर्शनं बिल्वपत्रस्य स्पर्शनम् पापनाशनम् । अघोर पाप संहारं बिल्व पत्रं शिवार्पणम् ॥
गृहाण बिल्व पत्राणि सपुश्पाणि महेश्वर । सुगन्धीनि भवानीश शिवत्वंकुसुम प्रिय ॥
नमो बिल्ल्मिने च कवचिने च नमो वर्म्मिणे च वरूथिने च नमः।
श्रुताय च श्रुतसेनाय च नमो दुन्दुब्भ्याय चा हनन्न्याय च नमो घृश्णवे ॥
नोट- कृपया बिल्व पत्र का पेड़ जरूर लगाये। बिल्व पत्र के लियें पेड़ को क्षति न पहुंचेयें-
3. भगवान शिव को क्या अर्पित करें Bhagavan shiv ko kya arpit karen?
शिव पुराण के अनुसार- किसी भी देवी-देवता का पूजन करते समय उनको अनेक चीज़ें अर्पित की जाती हैं। प्रायः भगवान को अर्पित की जाने वाली हर चीज़ का फल अलग होता हैं। शिव पुराण में इस बात का वर्णन मिलता हैं की भगवान शिव को अर्पित करने वाली अलग-अलग चीज़ों का क्या फल होता हैं? शिवपुराण के अनुसार जानिए कौन सा अनाज भगवान शिव को चढ़ाने से क्या फल मिलता हैं?
1. भगवान शिव को चावल चढ़ानें से धन की प्राप्ति होती हैं। 2. तिल चढ़ाने से पापों का ना'श हो जाता हैं। 3. जौ अर्पित करने से सुख में वृद्धि होती हैं। 4. गेहूं चढ़ाने से संतान प्राप्ति होती हैं। यह सभी अन्न भगवान को अर्पण करने के बाद गरीबों में वितरीत कर देना चाहियें।
4. भगवान शिव को कौन से पुष्प अर्पित करें Bhagavan shiv ko kaun se pushp arpit karen?
शिव पुराण अनुसार- 1. लाल फूल व सफेद आंकड़े के फूल से भगवान शिव का पूजन करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती हैं। 2. चमेली के फूल से पूजन करने पर वाहन सुख मिलता हैं। 3. अलसी के फूलों से शिव का पूजन करने से मनुष्य भगवान विष्णु को प्रिय होता हैं। 4. शमी पत्रों (पत्तों) से पूजन करने पर मोक्ष प्राप्त होता हैं। 5. बेला के फूल से पूजन करने पर सुंदर व सुशील पत्नी मिलती हैं। 6. जूही के फूल से शिव का पूजन करें तो घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती हैं। 7. कनेर के फूलों से शिव पूजन करने से नए वस्त्र मिलते हैं। 8. हरसिंगार के फूलों से पूजन करने पर सुख-सम्पत्ति में वृद्धि होती हैं। 9. धतूरे के फूल से पूजन करने पर भगवान शंकर सुयोग्य पुत्र प्रदान करते हैं जो कुल का नाम रोशन करता हैं। 10. लाल डंठलवाला धतूरा पूजन में शुभ माना गया हैं। 11. दूर्वा से पूजन करने पर आयु बढ़ती हैं।
नोटः-'इस लेख में दी गई जानकारी, सामग्री, गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों, ज्योतिषियों, पंचांग, प्रवचनों, धार्मिक मान्यताओं, धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।'
CONCLUSION-आज हमनें हमारें लेंख- Belpatra Ke Mahatv बिल्वपत्र के महत्व के माध्यम से भगवान शिव को अत्यंत प्रिय बिल्वपत्र के महत्व के बारें में आपको विस्तृत रूप से बताया। आशा करते हैं कि आपको हमारा ये लेख पसंद आया होगा धन्यवाद।
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