श्री बजरंग बाण पाठ! Shree Bajrang Baan Paath...
हमनें बहुत से लेखों में राम भक्त हनुमान जी के बारें में अपने लेखों के माध्यम से आपको बताया हैं। आज हम आपको अपने लेख श्री बजरंग बाण पाठ Shree Bajrang Baan Paath के माध्यम से बतानें जा रहें हैं कि बजरंग बाण का पाठ क्यों किया जाता हैं? पाठ करते हुए क्या सावधानी रखनी चाहिए? विधिवत् रूप से पाठ कैसे करें? और पाठ करनें से पहले क्या किया जाए?
इन सभी प्रश्नों का उत्तर इस लेख के माध्यम से जानेंगे। जैसा कि हम सभी जानतें हैं "दुर्गम काज जगत के देते सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते"।। श्री रामचरितमानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास जी को हमारा नमन। गोस्वामी तुलसीदास जी बादशाह अकबर के समकालीन थे। जैसा कि श्री रामचरितमानस की रचना तुलसीदास ने की किन्तु पहले तुलसीदास जी ने हनुमान चालीसा की रचना की और हनुमान जी की कृपा से ही तुलसीदास जी श्री रामचरितमानस लिख पायें। गोस्वामी तुलसीदास जी ने ही बजरंग बाण पाठ भी लिखा। तो आयें जानेतें हैं इस लेख के माध्यम से श्री बजरंग बाण पाठ के महत्व के बारें में -
श्री बजरंग बाण पाठ! Shree Bajrang Baan Paath...
Shree Bajrang Baan Paath: कहते हैं कि- गोस्वामी तुलसीदास पर काशी में किसी तांत्रिक ने मारण मंत्र का प्रयोग किया था तब तुलसीदास जी के शरीर पर फोड़े निकल आयें थे इसके बाद तुलसीदास जी ने बजरंग बाण का पाठ पढ़कर हनुमान जी से गुहार लगाई थी। बजरंग बाण के पाठ से एक दिन में सारे फोड़े ठीक हो गयें थे तभी से माना जाता हैं कि यह पाठ शत्रुओं पर अचूक वार करता हैं। आओ जानतें हैं कि- श्री बजरंग बाण पाठ Shree Bajrang Baan Paath का पाठ क्यों करना चाहियें और सावधानी क्या रखना चाहियें।
1. क्यों करें बजरंग बाण का पाठ Kyon Karen Bajrang Baan ka Paath:-
Shree Bajrang Baan Paath: बजरंग बाण से शत्रु को उसके कियें की सजा मिल जाती हैं लेकिन इसका पाठ एक जगह बैठ कर अनुष्ठानपूर्वक 21 दिन तक करना चाहिए और हमेशा सच्चाई के मार्ग पर चलने का संकल्प लेना चाहिए क्योंकि हनुमानजी सिर्फ सच्चे और पवित्र लोगों का ही साथ देते हैं 21 दिन में तुरंत फल मिलता हैं। नोट- सच्चे और पवित्र लोग ही करें इसका पाठ कभी किसी का बुरा करने की कामना के साथ श्री बजरंग बाण का पाठ नहीं करना चाहिए किसी भी अनैतिक कार्य की पूर्ति के लियें या फिर किसी से विवाद की स्थिति में विजय पाने के लियें बजरंग बाण का पाठ नहीं करना चाहिए कर्म करना जीवन में बहुत आवश्यक होता हैं। इसलियें बिना प्रयास के ही किसी कार्य में सफलता पाने के उद्देश्य से बजरंग बाण का पाठ न करें। धन, ऐश्वर्य या किसी भी भौतिक इच्छा की पूर्तिं के लियें बजरंग बाण का पाठ नहीं करना चाहियें।
2. क्या सावधानी रखें Kya Savdhani Rakhen:-
Shree Bajrang Baan Paath: श्री बजरंग बाण पाठ के बारें में कहा जाता हैं कि- इसका प्रयोग हर कहीं हर किसी को नहीं करना चाहियें जब व्यक्ति घोर संकट में हो तब ही इसका प्रयोग करना चाहियें। प्रयोग करने के पूर्व इसे सिद्ध करना होता हैं। इसका प्रयोग करते वक्त सावधानी रखनी चाहिए किसी भी प्रकार की त्रुटि नहीं होना चाहिए जितनी बार बजरंग बाण पाठ का संकल्प लें उतनी बार रुद्राक्ष की माला से पाठ करें- बजरंग का बाण पाठ करते समय ध्यान रखें कि शब्दों का उच्चारण साफ और स्पष्ट होना चाहियें अगर आप किसी विशेष मनोकामना की पूर्ति के लियें बजरंग बाण का पाठ कर रहे हैं तो कम से कम 41 दिनों तक यह पाठ नियमपूर्वक करें आपको जितने दिन तक बजरंग बाण का पाठ करना हो उतने दिनों में ब्रह्मचर्य का पूर्णतया पालन करना जरूरी हैं। जितने दिन भी आपको बजरंग बाण का पाठ करना हो उतने दिनों तक किसी प्रकार का नशा या तामसिक चीजों का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहियें।
3. विधिवत रूप से करें पाठ Vidhivat Roop se Karen Paath:-
Shree Bajrang Baan Paath: श्री बजरंग बाण पाठ करने के लियें हनुमानजी के चित्र या मूर्ति के समक्ष कुशासन {एक विशेष प्रकार की घास से बना आसन} पर बैठकर विधिवत उनकी पूजा अर्चना करने के बाद इसका पाठ करना चाहियें।
4. पाठ के पूर्व क्या करें Paath ke Purva Kya Karen:-
Shree Bajrang Baan Paath: श्री बजरंग बाण का पाठ करने के पूर्वं संकल्प अवश्य लें कि आपका कार्य जब भी होगा। जब हनुमानजी के निमित्त नियमित कुछ भी करते रहेंगे। इसके अलावा रामजी की स्तुति पढ़ें और फिर विधिवत पूजा के बाद पाठ करें। पाठ पूर्णं हो जानें के बाद भगवान राम का स्मरण और कीर्तन करें। पाठ के पूर्व घी का दीपक चलाएं जिसमें पांच बत्ती हो इसी के सात गुग्गल की सुगंध भी फैलाएं हनुमानजी को चमेली का तेल, गुड़, चना, जनेऊ, पान का बिड़ा आदि अर्पित करें चूरमा, लड्डू और अन्य मौसमी फल भी अर्पित कर सकते हैं। शनि, राहु-केतु से मिलती हैं मुक्ति घटना-दुर्घटना को राहु-केतु और शनि अंजाम देते हैं। जैसे अचानक आग लग जाना, आपकी गाड़ी का एक्सिडेंट हो जाना या किसी मुसिबत का अचानक आ जाना। हनुमानजी आपको सभी तरह की घटना और दुर्घटना से बचा लेते हैं इसके लियें आप सदा उनकी शरण में रहकर प्रतिदिन बजरंग बाण पाठ कर सकतें हैं। यदि किसी की कुण्डली में मांगलिक दोष हैं जिसके कारण विवाह नहीं हो पा रहा हैं या विवाह होने के बाद वैवाहिक जीवन में संकट पैदा हो रहा हैं तो उसे नियमित रूप से मंगलवार के दिन श्री बजरंग बाण का पाठ करना चाहियें अगर नियमपूर्वक निष्ठा के साथ बजरंग बाण का पाठ किया जाए तो इससे मांगलिक दोष का निवारण जल्द हो सकता हैं।
नोटः-'इस लेख में दी गई जानकारी, सामग्री, गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं हैं। सूचना के विभिन्न माध्यमों, ज्योतिषियों, पंचांग, प्रवचनों, धार्मिक मान्यताओं, धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना हैं, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।'
CONCLUSION- आज हमनें हमारें लेंख- श्री बजरंग बाण पाठ! Shree Bajrang Baan paath के माध्यम से जाना कि इस पाठ को हमें क्यों करना चाहिए? पाठ करते हुए क्या सावधानी रखें? विधिवत् रूप से पाठ कैसे करें? कब करें पाठ? और पाठ करने से पूर्व क्या करें? ये सभी बातों को हमनें हमारें लेंख के माध्यम से जाना हमें आशा हैं कि आपको ये लेख पसंद आयेगा धन्यवाद।
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