रक्षाबंधन-Raksha Bandhan 2023...
आज हम हमारें लेख रक्षाबंधन-2023 के माध्यम से जानेंगे की रक्षा बंधन 2023 कब हैं? इस साल राखी बांधने का शुभ मुहूर्त क्या हैं? तो आयें जानेंते हैं- इस विषय के बारें में ज्योतिषाचार्य से जानें- रक्षाबंधन हर साल रक्षाबंधन का त्योहार श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाते हैं। इस साल श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 30 अगस्त को सुबह 10 बजकर 58 मिनट पर प्रारंभ हो रही हैं। इस साल रक्षाबंधन पर भद्रा का साया हैं जानते हैं कि रक्षाबंधन-2023 कब हैं ?
रक्षाबंधन-Raksha Bandhan 2023...
1. राखी बांधने का शुभ मुहूर्त क्या हैं What is the auspicious time to tie Rakhi?
Raksha Bandhan 2023: हर साल रक्षाबंधन का त्योहार श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाते हैं। इसमें भी यह देखा जाता हैं कि- उस दिन भद्रा न हो यदि रक्षाबंधन के दिन भद्रा का साया हैं तो उस समय में बहनें भाई को राखी नहीं बांधती हैं। भद्रा काल में राखी बांधना अशुभ माना जाता हैं इस साल 2023 में रक्षाबंधन के त्योहार पर भद्रा का साया हैं। जिस समय से श्रावण पूर्णिमा तिथि शुरू हो रही हैं। उस समय से ही भद्रा भी लग रही हैं ऐसे में रक्षाबंधन कब मनाया जाएगा और राखी कब बांधी जाएगी ? जयपुर राजस्थान के ज्योतिषाचार्य श्री रमेश कुमार शर्मा से जानते हैं कि रक्षाबंधन कब हैं? राखी बांधने का शुभ मुहूर्त क्या हैं?
2023 में रक्षाबंधन का त्योहार दृक पंचांग के अनुसार- इस साल श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 30 अगस्त को सुबह 10 बजकर 58 मिनट पर प्रारंभ हो रही हैं और इसका समापन 31 अगस्त को सुबह 07 बजकर 05 मिनट पर हो रहा हैं। इस आधार पर साल 2023 में रक्षाबंधन 30 अगस्त बुधवार को मनाया जाएगा क्योंकि 31 अगस्त को सुबह में ही पूर्णिमा तिथि का लोप हो रहा हैं। रक्षाबंधन-2023 पर भद्रा का साया इस साल 30 अगस्त को रक्षाबंधन पर भद्रा का साया हैं। राखी वाले दिन भद्रा सुबह 10 बजकर 58 मिनट से शुरू हो रही हैं और यह रात 09 बजकर 01 मिनट तक हैं। ऐसे में जब भद्रा खत्म होगी तब ही राखी बांधी जा सकेंगी यह भद्रा पृथ्वी लोक की हैं। इसलिए इसे नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं भद्रा पूंछ शाम 05:30 बजे से शाम 06:31 बजे तक हैं और भद्रा मुख शाम 06:31 बजे से रात 08:11 बजे तक हैं।
2. रक्षाबंधन का महत्व Significance of Raksha Bandhan:-
3. रक्षाबंधन का मंत्र Mantra of Raksha Bandhan:-
4. राखी बांधने का शुभ मुहूर्त Auspicious time to tie Rakhi:-
1. यदि पूर्णिमा के दौरान अपराह्न काल में भादों पड़ रहीं हैं तो रक्षाबंधन नहीं मनाना चाहियें और यदि पूर्णिमा अगले दिन के शुरुआत तीन मुहूर्तों में हो तो त्योहार के पूरे विधि-विधान से अगले दिन अपराह्न काल में करने चाहियें। 2. यदि पूर्णिमा अगले दिन के शुरूआती तीन मूहूर्त में न होतो रक्षा बंधन को पहले दिन भादों चढ़ने के बाद प्रदोष काल के उत्तरार्ध में मना सकतें हैं। नोट:- सामान्यतः पंजाब के कुछ इलाकों में अपराह्न काल को अधिक महत्वपूर्ण नहीं माना जाता हैं इसलिए वहाँ आमतौर पर मध्याह्न काल से पहले राखी का त्यौहार मनाने का चलन हैं, शास्त्रों के मुताबिक भद्रा होनें पर रक्षाबंधन मनाने की पूरी तरह से मनाही हैं।
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