मंगला गौरी व्रत-Mangal Gouri Vrat...

मां मंगला गौरी को आदिशक्ति माता पार्वती का ही मंगल रुप माना जाता हैं। विशेष रूप से मंगला गौरी व्रत राजस्थान, मध्यप्रदेश, बिहार, पंजाब, उत्तरप्रदेश और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में मनाया जानें वाला एक त्योहार हैं। ये व्रत देवाधिदेव शिव को अत्यंत प्रिय हैं और इस समय आनें वाला यह व्रत सुख और सौभाग्य से जुड़ा होने के कारण इसे सुहागिन महिलाएं करती हैं इस व्रत उपवास को करने का उद्देश्य अखंड सुहाग का वरदान पाना तथा संतान को सुखी जीवन की कामना करना हैं। श्रावण मास में आनें वाला हर मंगलवार का दिन देवी पार्वती को अत्यंत प्रिय होने के कारण ही इसी श्रावण मास माता गौरी का पूजन किया जाता हैं और इसे मंगला गौरी व्रत Mangal Gouri Vrat कहा जाता हैं।

आज हम हमारें लेख में- मंगला गौरी व्रत के बारें में जानेंगे- सावन का महिना जो कि भगवान शंकर को समर्पित एक महिना हैं। भगवान शंकर को मानने वालें सनातनी साल भर इस पावन महिने का इंतजार करते हैं। इस साल सावन में अधिकमास जुड़ रहा हैं इसलियें सावन का पर्व 59 दिनों तक मनाया जायेंगा। ये हर सनातनी के लियें अत्यंत हर्ष की बात होगी तो आयें जानतें हैं की- सावन का पहला मंगला गौरी व्रत कब हैं ?

Mangal Gouri Vrat

 मंगला गौरी व्रत-Mangal Gouri Vrat...

Mangal Gouri Vrat 2023: ये व्रत माँ पार्वती को समर्पित एक सौभाग्यशाली व्रतों में से एक हैं। अखंड सौभाग्य के लियें ये व्रत किया जाता हैं। इस साल 4 जुलाईं दिन मंगलवार को मंगला गौरी व्रत Mangal Gouri Vrat हैं इसी दिन सावन की भी शुरुआत होगी। अर्थात मंगला गौरी व्रत से ही सावन की शुरुआत होनें जा रहीं हैं। तो जानतें हैं श्रावण मास 2023 में मंगला गौरी व्रत कब-कब हैं ?
Mangal Gouri Vrat 2023: श्रावण माह में मंगला गौरी व्रत हर मंगलवार के दिन होता हैं ये व्रत महिलायें "अखंड सौभाग्य" की प्राप्ति के लियें रखतीं हैं ताकि वे अखंड सौभाग्यवती रहें। इस दिन माता पार्वती की पूजा की जाती हैं और सुहाग की सामग्री माँ को अर्पण करती हैं। इस दिन आप माता गौरी के साथ साथ महादेव की भी कृपा पा सकते हैं। छोटी काशी के ज्योतिषाचार्य प. रमेश कुमार शर्मा से जानते हैं कि- श्रावण माह 2023 में मंगला गौरी व्रत कब-कब हैं? इस साल श्रावण मास में 9 मंगला गौरी व्रत का संयोग हैं इसके विपरीत हर साल 4 या 5 ही मंगला गौरी व्रत का संयोग होता हैं लेकिन इस साल सावन में अधिकमास जुड़ रहा हैं इसलिए सावन 59 दिनों का हो रहा हैं। इसी कारण मंगला गौरी व्रत की संख्या बढ़ गईं हैं। ये दिनांक निम्न हैं -04. 11. 18. 25.जुलाई 2023 और 01 08 15 22 29 अगस्त 2023 हैं।  

1. मंगला गौरी व्रत का महत्व Mangal Gouri Vrat Ka Mahatva:-

Mangal Gouri Vrat 2023: 1. मंगला गौरी व्रत रखने से पति की आयु लंबी होती हैं। अखंड सौभाग्य के लिए यह व्रत रखा जाता हैं। 2. दांपत्य जीवन की समस्याओं को दूर करने के लिए भी मंगला गौरी व्रत रखते हैं। मां गौरी की कृपा से दांपत्य जीवन खुशहाल रहता हैं। परिवार में सुख और शांति आती हैं। 3. जो लोग संतानहीन हैं, वे लोग भी मंगला गौरी व्रत रखते हैं। ताकि मां पार्वती की कृपा से उनको संतान सुख प्राप्त हो।

2. मंगला गौरी व्रत और पूजा विधि Mangal Gouri Vrat and Puja Vidhi:-

Mangal Gouri Vrat 2023: 1. मंगला गौरी व्रत के दिन सुबह स्नान के बाद व्रत और पूजा का संकल्प करते हैं। 2. उसके बाद शुभ मुहूर्त में मां गौरी के साथ भगवान शिव की पूजा करते हैं। 3. माता पार्वती को अक्षत्, कुमकुम, फूल, माला, सोलह श्रृंगार की सामग्री, सुहाग की पिटारी, लाल चुनरी, धूप, दीप, नैवेद्य आदि अर्पित करते हैं। 4. भगवान शिव का बेलपत्र, भांग, गंगा जल, चंदन, फूल आदि से पूजन करते हैं। 5. मंगला गौरी व्रत कथा सुनते हैं और माता पार्वती की आरती करते हैं। 6. पूजा के बाद मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करते हैं। 7. व्रत का पारण अगले दिन बुधवार को किया जाता हैं।

 FAQ-

1. मंगला गौरी व्रत कैसे किया जाता हैं ?

मंगला गौरी व्रत श्रावण माह में पड़ने वाले मंगलवार के दिन किया जाता हैं। पूजा विधि- 1. सर्वप्रथम प्रातः उठकर स्नान करें। 2. साफ वस्त्र धारण करें। 3. मन्दिर की साफ सफाई करें। 4. एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर माता पार्वती, भगवान शंकर और श्री गणेश की मूर्ति स्थापित करें। 5. हाथ में जल लेकर व्रत का संकल्प लें। 6. माता पार्वती की कथा सुनें ऐसा सावन माह के प्रत्येक मंगलवार को करें मनोकामना पूर्ण होगी। 7. बुधवार के दिन व्रत का पारण करें। 

2. मंगला गौरी व्रत कितने करने चाहिए ?

आमतौर पर सावन के महीने में चार सोमवार व चार ही मंगला गौरी के व्रत रखें जातें किन्तु वर्ष 2023 में सावन माह में दो अधिकमास होनें के कारण 9 मंगला गौरी व्रत करें जायेंगे, मंगला गौरी के व्रत के दिन सुहागन महिलाएं श्रृंगार करके अपने पति के लिए व्रत रखकर लंबी उम्र की कामना करती हैं।

3. मंगला गौरी व्रत कब किया जाता हैं ?

शास्त्रों के अनुसार मंगला गौरी व्रत सावन माह के प्रत्येक मंगलवार को किया जाता हैं। हिंदू पंचाग के अनुसार वर्ष 2023 में 4 जुलाईं को पहला मंगला गौरी व्रत आ रहा हैं इस दिन सभी विवाहिता महिलाओं को ये व्रत करना चाहियें और माता पार्वती से अखंड सौभाग्य का वर मांगना चाहियें।

4. मंगला गौरी का व्रत करने से क्या होता हैं ?

मंगला गौरी व्रत सावन मास के प्रत्येक मंगलवार को किया जाता हैं, ये व्रत माता पार्वती को समर्पित एक व्रत हैं हिन्दू ग्रन्थों में इस व्रत की महिमा अपरंपार हैं इस व्रत को करने से सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य का वरदान प्राप्त होता हैं। यदि कोई संतान प्राप्ति की इच्छा होतो इस व्रत के माध्यम से पूर्ण की जा सकती हैं। इस व्रत को करने से माता पार्वती के साथ साथ भगवान शंकर का भी आर्शीवाद प्राप्त होता  हैं।

5. गौरी पूजन कौन कर सकता हैं ?

माता गौरी अर्थात माता पार्वती का पूजन ही हैं इस पूजन को विवाहित व अविवाहित दोनों प्रकार की महिलाओं द्वारा सम्पन्न किया जा सकता हैं, विवाहित महिला सुखी वैवाहिक जीवन के लियें और अविवाहित अच्छे वर की कामना के लियें इस गौरी पूजन को कर सकती हैं। रामायण के अनुसार माता सीता ने भी इस व्रत के माध्यम से ही श्रीराम को पाया था।

नोटः-'इस लेख में दी गई जानकारी, सामग्री, गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं हैं। सूचना के विभिन्न माध्यमों, ज्योतिषियों, पंचांग, प्रवचनों, धार्मिक मान्यताओं, धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना हैं, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।'

CONCLUSION- आज हमनें हमारें लेंख- मंगला गौरी व्रत Mangal Gouri Vrat के माध्यम से आपको बताया कि किस तरह से देवाधिदेव शिव को भी यह व्रत अत्यंत प्रिय हैं। इस लेख में मंगला गौरी व्रत के महत्व और पूजन विधि के बारें में विस्तृत रूप से जाना। आशा करते हैं कि आपको आज का हमारा ये लेख पसंद आयेगा धन्यवाद।

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