भद्रा राजयोग- Bhadra Rajyoga 2023...

समय समय पर हम हमारे ज्योतिष से सबंधित लेखों से आपको अवगत करते रहते हैं इसी क्रम में आज हमारे लेख भद्रा राजयोग Bhadra Rajyoga 2023 के माध्यम से आपको अवगत करा रहे हैं तो आयें जानेतें हैं इस विषय में- वैदिक ज्योतिष के अनुसार जातक कुण्डली में "पंच महापुरुष योग" का बड़ा महत्व होता हैं। तब इस योग का निर्माण होता हैं तब कुण्डली में बुध, मंगल, बृहस्पति, शुक्र और शनि ग्रह केंद्र भावों में अपनी-अपनी राशि में मजबूत स्थिति में बैठे हुए हों। 

इन पंच महापुरुष में आने वाले योग- भद्र योग, हंस योग, माल्वय योग, रूचक योग और शश योग हैं। परंतु वैदिक ज्योति में भद्र योग को बहुत महत्व दिया गया हैं। आयें जानेतें हैं हमारे इस लेख के माध्यम से- अब तक हमनें हमारें पिछले लेखों जैसे कि सूर्य गोचर, मई ग्रह गोचर, गुरु ग्रह का गोचर और बुध शुक्र राहु योग के माध्यम से आपको अवगत कराया हैं इसी क्रम में आगे बढ़ते हुए आज हम भद्रा राजयोग जो कि बुध राशि का मिथुन राशि में गोचर हैं के बारें में जानेंगे-

Bhadra Rajyoga 2023

भद्रा राजयोग- Bhadra Rajyoga 2023...

Bhadra Rajyoga 2023: अब तक हमनें हमारें पिछले लेखों जैसे कि- सूर्य गोचर, मई ग्रह गोचर, गुरु ग्रह का गोचर और बुध शुक्र राहु योग के माध्यम से आपको अवगत कराया हैं इसी क्रम में आगे बढ़ते हुए आज हम भद्रा राजयोग जो कि बुध राशि का मिथुन राशि में गोचर हैं के बारें में जानेंगे- बुध ग्रह का मिथुन राशि में गोचर 24 जून 2023 की दोपहर 12:35 बजे होने वाला हैं। जिसके बाद बुध ग्रह 8 जुलाई 2023 की दोपहर 12:05 तक इसी राशि में रहेंगे और फिर कर्क में गोचर करेंगे। बुध की शुभ स्थिति जातक को सुंदर बनाती हैं। ऐसे लोग तर्कसंगत होते हैं।  बुध का स्वराशि मिथुन में जाना सभी 12 राशियों को प्रभावित करेगा। जिसमें तीन राशियों को लाभ ज्यादा होना हैं। ये भाग्यशाली राशियां हैं- तुला राशि, कुंभ राशि, व मीन राशि...

1. तुला राशि Libra:- 

Bhadra Rajyoga 2023: ज्योतिषं शास्त्र के अनुसारभद्र राजयोग का बनना तुला राशि के जातकों को फायदेमंद रहेगा। बुध ग्रह आपकी राशि से भाग्य स्थान गोचर करेंगे। आपको किस्मत का साथ मिलेगा। आपकी राशि के स्वामी शुक्र ग्रह हैं और शुक्र की बुध के मित्र हैं। आप किसी यात्रा पर धनलाभ अर्जित करेंगे। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो सफलता मिल सकती हैं। 

2. कुंभ राशि Aquarius:- 

Bhadra Rajyoga 2023: ज्योतिषं शास्त्र के अनुसार- कुंभ राशि के लियें भद्र राजयोग अनुकूल रहेगा। आपकी गोचर कुंडली के पंचम भाव में बुध गोचर कर अच्छी खबर देंगे। नौकरी पेशा जातकों के करियर में अच्छी तरक्की होगी। अपने काम पर पूरा फोकस रहेगा। आकस्मिक धन की प्राप्ति होगी। प्रेम- संबंधों में सफलता मिलेगी। 

3. मीन राशि Pisces:- 

Bhadra Rajyoga 2023: ज्योतिषं शास्त्र के अनुसार- भद्र राजयोग बनने से मीन राशि के जातक को लाभ होगा। बुध ग्रह आपकी राशि से चतुर्थ भाव में आकर वाहन और सम्पत्ति का लाभ देंगे। रियल स्टेट, जमीन- जायदाद, बैंकिंग, सीए का काम करने वाले फायदे में रहेंगे। बिजनेस में भी फायदा होगा। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और समाज में सम्मान बढ़ेगा। सुख- साधनों में वृद्धि होगी।

FAQ-

1. क्या भद्र योग एक राज योग हैं ?

हाँ भद्र योग एक राजयोग ही हैं, ज्योतिष शास्त्र में भद्र योग और हंस, रुचक, मालवीय और सास योग को पंच महापुरुष योग में वर्गीकृत किया गया हैं। यह एक अनूठा राजयोग हैं क्योंकि भद्र योग एक ही ग्रह द्वारा निर्मित होता हैं और इसके निर्माण में किसी अन्य ग्रह की भागीदारी की आवश्यकता नहीं होती हैं।

2. कुंडली में भद्र योग कैसे बनता हैं ?

जब कुंडली के 1. 4. 7 और 10 भाव में बुध अपनी स्वयं की राशि  मिथुन या कन्या में होता हैं, तब भद्र योग का निर्माण होता हैं। ज्योतिष में बुद्ध गृह को बुद्धि, ज्ञान, शारीरिक स्वस्थ्य, लचीलापन, लेखन क्षमता, प्रबंधन कौशल, गणितीय कौशल, अच्छा स्वास्थ्य, व्यावसायिक कौशल से संबंधित माना जाता हैं। 

3. राजयोग कौन कौन सी राशि में हैं ?

ऐसा व्यक्ति जो भी काम करता हैं उसमें भाग्य पूरा साथ देता हैं। यह राजयोग तब बनता हैं जब मंगल मकर राशि अथवा अपनी राशि मेष या वृश्चिक में केन्द्र स्थान में होता हैं। 

4. भद्रा योग क्या होता हैं ?

ज्योतिष में भद्र योग क्या हैं ? आयें जानेंतें  हैं भद्रा योग क्या हैं, जब बुध ग्रह कन्या या मिथुन राशि में स्थित हो और लग्न से पहले, चौथे, सातवें या दसवें भाव में किसी एक केंद्र भाव में हो तो भद्र योग बनता हैं। बुध मिथुन और कन्या राशि का स्वामी हैं और कन्या राशि में उच्च का होता हैं। योग का बल बुध के बल और बुध पर अन्य ग्रहों के प्रभाव पर निर्भर करेगा

5. राजयोग के कितने अंग होते हैं ?

राजयोग के अंग ये हैं-1.षट्कर्म, 2. आसन, 3. मुद्रा, 4. प्रत्याहार, 5. प्राणायाम, 6. ध्यान, 7. समाधि और 8. नियम। महर्षि पतंजलि के योग को ही अष्टांग योग या राजयोग कहा जाता हैं, इसके आठ अंग होते हैं, भगवान बुद्ध का आष्टांगिक मार्ग भी योग के इन्हीं आठ अंगों का हिस्सा हैं

नोटः-'इस लेख में दी गई जानकारी, सामग्री, गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं हैं। सूचना के विभिन्न माध्यमों, ज्योतिषियों, पंचांग, प्रवचनों, धार्मिक मान्यताओं, धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना हैं, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।'

CONCLUSION-आज हमनें हमारें लेंख- भद्रा राजयोग Bhadra Rajyoga 2023 के माध्यम से आपको बताया कि किस तरह से तुला राशि, कुंभ राशि और मीन राशि को इस योग का फायदा होने जा रहा हैं आशा करते हैं कि आपको हमारा ये लेख पसंद आयेगा धन्यवाद।

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