हमनें हमारें पुरानें लेखों के माध्यम से बहुत से मंदिरों और ज्योतिष के विषयों को आपके सामने रखा आज हम आपने इस लेख में सनातनी धर्मं की सबसे पुरानी परम्परा नागा परम्परा के बारें में अपने लेख- Naga Sadhu Naga Sannyasini नागा साधु नागा संन्यासिनी के माध्यम से विस्तृत रूप में इस परम्परा के बारें में जानेंगे तो आयें जानतें हैं- नागा साधु नागा संन्यासिनी हिन्दू धर्मावलम्बी साधु हैं जो कि नग्न रहने तथा युद्ध कला में माहिर होने के लिये प्रसिद्ध हैं ये विभिन्न अखाड़ों में रहते हैं जिनकी परम्परा "आदिगुरु शंकराचार्य" द्वारा की गयी थी ये साधु प्रायः कुम्भ में दिखायी देते हैं।
Naga Sadhu Naga Sannyasini नागा साधु नागा संन्यासिनी...
Naga Sadhu Naga Sannyasini: नागा साधुओं को लेकर कुंभ मेले में बड़ी जिज्ञासा और कौतुहल रहता हैं, खासकर विदेशी पर्यटकों में कोई कपड़ा ना पहनने के कारण शिव भक्त नागा साधु ''दिगंबर'' भी कहलाते हैं अर्थात आकाश ही जिनका वस्त्र हो कपड़ों के नाम पर पूरे शरीर पर धूनी की राख लपेटे ये साधु कुम्भ मेले में सिर्फ शाही स्नान के समय ही खुलकर श्रद्धालुओं के सामने आते हैं। आमतौर पर मीडिया से ये दूरी ही बनाए रहते हैं अधिसंख्य नागा साधु पुरुष ही होते हैं कुछ महिलायें भी नागा साधु हैं पर वे सार्वजनिक रूप से सामान्यतः नग्न नहीं रहती अपितु एक गेरुवा वस्त्र लपेटे रहती हैं।
1. नागा साधु नागा संन्यासिनी कैसे बनते हैं How Naga Sadhu becomes Naga Sannyasini?
Naga Sadhu Naga Sannyasini: पिछले कुछ सालों में नागा संन्यासिनियों की संख्या बढ़ी हैं पढ़ी-लिखी लड़कियां भी नागा बन रही हैं लेकिन नागा बनना इतना आसान भी नहीं हैं इसके लिए लंबी प्रक्रिया से गुजरना होता हैं सबसे पहले एक गुरु बनाना होता हैं। गुरु शिष्या को जनेऊ, गुरु मंत्र और भगवा चोला देते हैं शुरुआत के 12 साल तक महिला को उसके घर आने-जाने की छूट होती हैं लेकिन धीरे-धीरे उसे मोह-माया का त्याग करना होता हैं। 12 साल पूरा होने के बाद महिला अपने गुरु को बताती हैं कि वह अपने परिवार के बिना रह सकती हैं इसके बाद गुरु महिला से आजीवन ब्रह्मचर्य पालन का वचन लेते हैं।
2. कुंभ के मौके पर विधि-विधान Rituals on the occasion of Kumbh:-
Naga Sadhu Naga Sannyasini: कुंभ के मौके पर विधि-विधान से उसे अखाड़े में प्रवेश दिलाते हैं उसे
5 मीटर
का भगवा कपड़ा देते हैं जिसे वह गर्दन के पास से गांठ बांध लेती हैं यही कपड़ा ही उसका वस्त्र होता हैं इसके बाद 16 संस्कार होते हैं इसकी प्रक्रिया भी लंबी होती हैं। महिला को एक दिन उपवास रखना होता हैं अगले दिन उसे गोबर, दही, दूध, हल्दी, भभूत और चंदन से नहलाया जाता हैं फिर मुंडन होता हैं, गोमूत्र पिलाया जाता हैं,
गंगा में
108
बार डुबकी लगवाई जाती हैं, इस दौरान मंत्र और हवन जारी रहते हैं। आधी रात को धूणा तपाया
''आग के सामने बैठाना'' जाता हैं। अगले दिन धूप में बिठाया जाता हैं, फिर खुद ही वह अपना पिंड दान करती हैं तब जाकर वह नागा संन्यासिनी बनती हैं। इसके बाद परिवार से उसका नाता-रिश्ता खत्म हो जाता हैं। अब कभी वह अपने घर में प्रवेश नहीं कर सकती हैं हालांकि अब कुछ लोग कुंभ के दौरान भी अपना गुरु बना कर के नागा संन्यासी
बन जाते हैं।
3. पुरुष नागा साधुओं से कितनी अलग होती हैं महिला नागा संन्यासिनी How different are female Naga monks from male Naga monks?
Naga Sadhu Naga Sannyasini: जयश्रीकानंद के कथनानुसार- दोनों में बहुत ज्यादा अंतर नहीं होता हैं दोनों का पंथ एक ही हैं इष्ट भी एक ही हैं और विधि-विधान भी एक जैसा ही हैं। 12 साल पूरा होने के बाद जहां महिला नागा को ब्रह्मचर्य पालन का वचन देना होता हैं, वहीं पुरुषों का लिंग संस्कार किया जाता हैं, गुरु जोर-जोर से तीन बार उनका लिंग खींचते हैं ताकि आगे कभी उसमें संबंध बनाने की इच्छा नहीं रह जायें। पुरुष नागा हमेशा बिना कपड़ों के रहते हैं जबकि ज्यादातर नागा संन्यासिनी भगवा चोले में रहती हैं। हां कुछ संन्यासिनी बिना वस्त्र के जंगलों और घुफाओं में रहती हैं वे सिर्फ कुंभ के दौरान ही बाहर निकलती हैं।
4. नागा संन्यासी का नाम कैसे तय होता हैं How is the name of a Naga Sannyasini decided?
Naga Sadhu Naga Sannyasini: जयश्रीकानंद बताती हैं- चार जगह लगने वाले कुंभ में इन नागा साधुओं को अलग-अलग नाम दिए जाते हैं। प्रयागराज के कुंभ में नागा साधु बनने वाले को 1. नागा 2. उज्जैन में खूनी नागा 3. हरिद्वार में बर्फानी नागा और 4. नासिक में खिचड़िया नागा कहा जाता हैं पुरुष नागा साधुओं के साथ भी ऐसा ही होता हैं।
नोटः-'इस लेख में दी गई जानकारी, सामग्री, गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों, ज्योतिषियों, पंचांग, प्रवचनों, धार्मिक मान्यताओं, धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं।
CONCLUSION:- प्रिये पाठकों आज हमनें हमारें लेख-Naga Sadhu Naga Sannyasini नागा साधु नागा संन्यासिनी के माध्यम से आपको बताया कि- नागा साधु नागा संन्यासिनी कैसे बनते हैं, कुंभ के मौके पर क्या क्या विधि-विधान होते हैं किस प्रकार से पुरूष नागा साधुओं से अलग होती हैं नागा संन्यासिनियां, नागा संन्यासी का नाम कैसे तय होता हैं। ये सभी जानकारियां इस लेख में उपलब्ध हैं जोकि आपके लिए रोचक व ज्ञानवर्धक होगी।
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