आज हम हमारें लेख श्री कृष्ण भजन जय राधे जय राधे राधे! Jai Radha Jai Radhe Radhe! के माध्यम से राधेकृष्ण के इस भजन को हमारे लेख के माध्यम से प्रस्तुत करेंगे- भारतीय संगीत के मुख्य रूप से तीन भेद हैं। शास्त्रीय संगीत, सुगम संगीत और लोक संगीत भजन सुगम संगीत की एक शैली हैं। इसका आधार शास्त्रीय संगीत या लोक संगीत हो सकता हैं। इसको मंच पर भी प्रस्तुत किया जा सकता हैं लेकिन मूल रूप से यह किसी देवी या देवता की प्रशंसा में गाया जाने वाला गीत हैं। जैसे भगवान जम्भेश्वर भगवान रामदेव जी व तेजा जी के लिए गाये जाते हैं राजस्थान में सामान्य रूप से उपासना की सभी भारतीय पद्धतियों में इसका प्रयोग किया जाता हैं। भजन मंदिरों में भी गाए जाते हैं। हिंदी भजन, जो आम तौर पर हिन्दू अपने सर्वशक्तिमान को याद करते हैं या गाते हैं। आज हम श्री कृष्ण के एक भजन को उल्लेखित करेंगे :-
श्री कृष्ण भजन जय राधे जय राधे राधे ! Jay Radhe Jay Radhe Radhe !
जय राधे जय राधे राधे जय राधे जय श्री राधे
जय कृष्णा जय कृष्णा कृष्णा जय कृष्णा जय श्री कृष्णा !
श्यामा गोरी नित्य किशोरी प्रीतम जोरी श्री राधे
रसिक रसिलो छैल छबीलो गुण गर्विलो श्री कृष्णा !
रास विहारिणी रस विस्तारिणी पिय उर धारिणी श्री राधे
नव-नव रंगी नवल-त्रिभंगी श्याम सुअंगी श्री कृष्णा !
जय राधे जय राधे राधे जय राधे जय श्री राधे
जय कृष्णा जय कृष्णा कृष्णा जय कृष्णा जय श्री कृष्णा !
प्राण पियारी रूप उजारि अति सुकुमारी श्री राधे
नैन मनोहर महा-मोदकर सुनवर वरतर श्री कृष्णा !
शोभा श्रेणी मोहा मैनी कोकिल वैनी श्री राधे
कीरति वन्ता कामिनी कंता श्री भगवंता श्री कृष्णा !
चंदा वदनि कुंदा रदनि शोभा सदनी श्री राधे
परम उदारा प्रभा अपारा अति सुकुमारा श्री कृष्णा !
जय राधे जय राधे राधे जय राधे जय श्री राधे
जय कृष्णा जय कृष्णा कृष्णा जय कृष्णा जय श्री कृष्णा !
हंसा गमनि राजत रमणी क्रीड़ा कमनी श्री राधे
रूप रसाला नैन विशाला परम कपाला श्री कृष्ण !
कंचन वेली रति रस रेली अति अलबेली श्री राधे
सब सुख-सागर सब गुण-आगर रूप उजागर श्री कृष्णा !
रमणी रम्या तरु तर तम्या गुण आगम्या श्री राधे
धाम निवासी प्रभा प्रकाशी सहज सुहासी श्री कृष्णा !
जय राधे जय राधे राधे जय राधे जय श्री राधे
जय कृष्णा जय कृष्णा कृष्णा जय कृष्णा जय श्री कृष्णा !
संकत्य हलादिनी अति प्रिय वादिनी उर उन्मादिनी श्री राधे
अंग अंग टोना सरस सलोना सुगम सुढोना श्री कृष्णा !
राधा नामिनी गुण अभिरामिनी हरी प्रिय स्वामिनी श्री राधे
हरे हरे हरि हरे हरे हरि हरे हरे हरि श्री कृष्णा !
जय राधे जय राधे राधे जय राधे जय श्री राधे
जय कृष्णा जय कृष्णा कृष्णा जय कृष्णा जय श्री कृष्णा !
नोटः-'इस लेख में दी गई जानकारी, सामग्री, गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों, ज्योतिषियों, पंचांग, प्रवचनों, धार्मिक मान्यताओं, धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।'CONCLUSION:-श्री कृष्ण भजन जय राधे जय राधे राधे ! Jay Radhe Jay Radhe Radhe !
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