Ekaambareshvar Mandir, Kaancheepuram Tamilanaadu...
हमने हमारे पुराने लेखों में भगवान शिव के अनेकों मन्दिरों के बारे में जाना जैसे की- श्रीकालाहस्ती मंदिर आन्ध्रप्रदेश, नागेश्वर महादेव मंदिर द्वारका गुजरात, नर्मदेश्वर शिवलिंग कथा, पूजन विधि, पशुपतिनाथ मंदिर का इतिहास और पौराणिक कथा, काशी विश्वनाथ मंदिर की महिमा, ओंकारेश्वर मंदिर का इतिहास रामेश्वरम् मंदिर, महाकालेश्वर मंदिर, मीनाक्षी सुन्दरेश्वर मंदिर इस क्रम को आगे बढ़ाते हुए आज हम- Ekaambareshvar Mandir, Kaancheepuram Tamilanaadu एकम्बरेश्वर मंदिर कांचीपुरम तमिलनाडु के बारे में जानेगें:-
Ekaambareshvar Mandir, Kaancheepuram Tamilanaadu...
Ekaambareshvar Mandir Kaancheepuram: एकम्बरेश्वर मंदिर "एकम्बरनाथर मंदिर" भारत के तमिलनाडु राज्य के कांचीपुरम नगर में ईश्वर शिव "महादेव'' को समर्पित एक हिंदू सनातनी मंदिर हैं, यह ''शैव धर्म'' के हिंदू संप्रदाय के लियें एक महत्वपूर्ण मंदिर हैं- क्योंकि यह पांच तत्वों या पंचभूत में से एक पृथ्वी तत्व को समर्पित शिवालय हैं। शिव की पूजा एकम्बरेश्वर या एकम्बरनाथर के रूप में की जाती हैं, लिंगम "शिवलिंग" द्वारा उनका प्रतिनिधित्व किया जाता हैं उनकी मूर्ति को "पृथ्वी लिंगम" कहा जाता हैं। उनकी पत्नी "पार्वतीएलावरकुझाली" के रूप में चित्रित किया गया हैं। पीठासीन देवता 7वीं शताब्दी के ''तमिल शैव विहित कार्य तेवरम में प्रतिष्ठित हैं'' जो तमिल संत कवियों द्वारा लिखें गयें हैं जिन्हें नयनार के रूप में जाना जाता हैं और इन्हें ''पाडल पेट्रा स्थलम'' पेट्रा स्थलम ''पेट्रा स्थलम'' के रूप में वर्गीकृत किया गया हैं।
1. एकम्बरेश्वर मंदिर की सरचंन Ekaambareshvar Mandir Ki Sarchan:-
Ekaambareshvar Mandir Kaancheepuram: मंदिर में नीलथिंगल थुंडम पेरुमल मंदिर एक दिव्यदेसम, वैष्णव सिद्धांत नलयिरा दिव्यप्रभंडम में प्रतिष्ठित 108 मंदिरभी हैं। मंदिर परिसर 25एकड़ में फैला हुआ हैं यह भारत का सबसे विशाल या बड़ा मंदिर परिसर हैं। इसमें चार गेटवे टावर हैं जिन्हें गोपुरम (द्वार) के नाम से जानें जाते हैं। सबसे ऊंचा दक्षिणी गोपुरम हैं जिसमें 11 मंजिलें और 58.5216 मीटर 192 फीट की ऊंचाई हैं जो इसे भारत के सबसे ऊंचे मंदिर गोपुरम में से एक बनाता हैं। मंदिर में अनेक मंदिर हैं- जिनमें एकम्बरेश्वर और नीलाथिंगल थुंडम पेरुमल सबसे प्रमुख मंदिर परिसर हैं इसमें कई हॉल (बड़े कमरे) हैं सबसे उल्लेखनीय विजयनगर काल के दौरान निर्मित हजार स्तंभों वाला हॉल हैं।
2. एकम्बरेश्वर मंदिर के अनुष्ठान पूजा Ekaambareshwar Mandir Ke Anushthan Pooja:-
Ekaambareshvar Mandir Kaancheepuram: मंदिर में प्रात: 05.30 बजे से रात 10 बजे तक छह दैनिक अनुष्ठान होते हैं और इसके कैलेंडर में 12 वार्षिक उत्सव शामिल हैं। तमिल माह पंगुनी मार्च से अप्रैल के दौरान 13 दिनों तक मनाया जाने वाला पंगुनी उथिरम उत्सव मंदिर का सबसे प्रमुख त्योहार हैं। वर्तमान चिनाई वाली संरचना 9वीं शताब्दी में चोल राजवंश के दौरान बनाई गई थी जबकि बाद के विस्तार का श्रेय विजयनगर शासकों को दिया जाता हैं। मंदिर का रख-रखाव और प्रशासन तमिलनाडु सरकार के हिंदू धार्मिक और धर्म बंदोबस्ती विभाग द्वारा किया जाता हैं। मंदिर सबसे बड़ा और शहर के सबसे प्रमुख पर्यटक आकर्षणों में से एक हैं।
3. एकम्बरेश्वर मंदिर की कथा Ekaambareshwar Mandir Ke Katha:-
जल की तेज गति से पूजा में बाधा पड़ने लगी तो माता पार्वती ने उस शिवलिंग जिसकी वह पूजा कर रही थी उसे गले लगा लिया जिससे शिव लिंग को कोई नुकसान न पहुंचे। भगवान शंकर जी यह सब देख कर बहुत खुश हुयें और माता पार्वती को दर्शन दिये शिव जी ने माता पार्वती से वरदान मांगने को कहा- तो माता पार्वती ने विवाह की इच्छा व्यक्त की महादेव ने माता पार्वती से विवाह कर लिया। आज भी मंदिर के अंदर वह आम का पेड़ हरा भरा देखा जा सकता हैं। माता पार्वती और शिव जी को समर्पित यह मंदिर एकबारनाथ मंदिर हैं।
नोटः-'इस लेख में दी गई जानकारी, सामग्री, गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं हैं। सूचना के विभिन्न माध्यमों, ज्योतिषियों, पंचांग, प्रवचनों, धार्मिक मान्यताओं, धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं।
CONCLUSION:-आज हमनें हमारें लेख- Ekaambareshvar Mandir Kaancheepuram Tamilanaadu एकाम्बरेश्वर मंदिर, कांचीपुरम तमिलनाडु के माध्यम से मंदिर की संरचना के बारे में जाना इस मंदिर के अनुष्ठान व पूजा के बारे में जाना मंदिर की कथा के बारे में जाना और मंदिर कैसे पहुंचा जायें के बारे में जाना ये सब मंदिर से सम्बंधित विषयों में जाना आशा हैं कि आपको ये लेख पसंद आया होगा धन्यवाद-
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