नर्मदेश्वर शिवलिंग कथा,पूजन विधि-Narmadeshvar Shivaling Katha Poojan Vidhi...

हमनें हमारें पुरानें लेख- काशी विश्वनाथ मंदिर, पशुपतिनाथ मंदिर, ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, रामेश्वरम् मंदिर, महाकालेश्वर मंदिर, श्रीकालाहस्ती मंदिर और  नागेश्वर महादेव मंदिर द्वारका- गुजरात के माध्यम से देवाधिदेव महादेव के बारें में विस्तृत रूप से जाना इसी कढ़ी को आगें बढ़ाते हुए हम आज नर्मदेश्वर शिवलिंग कथा पूजन विधि के बारें में विस्तृत रूप से जानेंगे-

प्राचीनकाल में नर्मदा नदी ने बहुत वर्षों तक तपस्या कर के ब्रह्माजी को प्रसन्न किया प्रसन्न होकर ब्रह्माजी ने वर मांगने को कहा नर्मदाजी ने कहा- ब्रह्मा जी! यदि आप मुझ पर प्रसन्न हैं तो मुझे गंगाजी के समान कर दीजिए ब्रह्माजी ने मुस्कराते हुए कहा- यदि कोई दूसरा देवता भगवान शिव की बराबरी कर ले कोई दूसरा पुरुष भगवान विष्णु के समान हो जाए कोई दूसरी नारी पार्वतीजी की समानता कर ले और कोई दूसरी नगरी काशीपुरी की बराबरी कर सके तो कोई दूसरी नदी भी गंगा के समान हो सकती हैं।

Narmadeshvar Shivaling Katha Poojan Vidhi

नर्मदेश्वर शिवलिंग कथा पूजन विधि Narmadeshvar Shivaling Katha Poojan Vidhi...

Narmadeshvar Shivaling Katha Poojan Vidhi: ’ब्रह्माजी की बात सुनकर नर्मदा उनके वरदान का त्याग कर के काशी चली गयीं और वहां पिलपिलातीर्थ में शिवलिंग की स्थापना कर के तप करने लगीं नर्मदा की बात सुनकर भगवान शंकर बहुत प्रसन्न हो गए और बोले -नर्मदे! तुम्हारे तट पर जितने भी "प्रस्तरखण्ड पत्थर" हैं, वे सब मेरे वर से शिवलिंग रूप हो जाएंगे गंगा में स्नान करने पर शीघ्र ही पाप का नाश होता हैं, यमुना सात दिन के स्नान से और सरस्वती तीन दिन के स्नान से सब पापों का नाश करती हैं परन्तु तुम दर्शन मात्र से सम्पूर्ण पापों का निवारण करने वाली होगी तुमने जो नर्मदेश्वर शिवलिंग की स्थापना की हैं, वह पुण्य और मोक्ष देने वाला होगा। भगवान शंकर उसी लिंग में लीन हो गए इतनी पवित्रता पाकर नर्मदा भी प्रसन्न हो गयीं इसलिए कहा जाता हैं-  "नर्मदा का हर कंकर शंकर" हैं हर हर महादेव- भगवान शंकर उन पर बहुत प्रसन्न हुये और वर मांगने के लिये कहा तब नर्मदा ने कहा- भगवन्! तुच्छ वर मांगने से क्या लाभ ? बस आप के चरणकमलों में मेरी भक्ति बनी रहे।

1. नर्मदेश्वर शिवलिंग पूजन विधि Narmadeshwar Shivalinga Poojan Vidhi:- 

Narmadeshvar Shivaling Katha Poojan Vidhi: 1. सबसे पहले प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करे शिवलिंग को स्थापित करने से पूर्व यह ध्यान रखे की शिवलिंग की वेदी का मुख सदैव उत्तर दिशा की तरफ ही होना चाहिए। 2. शिवलिंग लेते समय यह ध्यान रखे की आप शिवलिंग किस स्थान पर स्थापित करना चाहते हैं अगर आप घर में स्थापित कारना चाहते हैं तो शिवलिंग हमेशा 6 इंच का ही रखे या अपने हाथ के अंगुठे के बराबर का शिवलिंग ही स्थापित करे। 3. सर्वप्रथम शिवलिंग पर जल चढ़ाए फिर दूध, दही, शंकर, शहद (पंचामृत ) से अभिषेक करे और फिर जल से अभिषेक करे। शिवलिंग पर चन्दन ,चावल ,पुष्प और बेलपत्र चढ़ायें। 4. नर्मदेश्वर शिवलिंग की पूजा करने के बाद भगवान भोले नाथ से हाथ जोड़कर प्रार्थना करे की भोले नाथ आप हम पर सदा अपना आशीर्वाद बनाये रखना। 5. नर्मदेश्वर शिवलिंग को घर में स्थापित करने और पूजा अर्चना करने से सभी काष्ठो से मुक्ति मिलती हैं तथा घर में सुख शांति का वातावरण रहता हैं। नोटः- नर्मदेश्वर शिवलिंग स्वयंभू शिवलिंग हैं  जिनको किसी भी प्रकार के मंत्रो या प्राण प्रतिष्ठा की आवश्यकता नही होती नर्मदेश्वर शिवलिंग स्वयं सिद्ध होते हैं और आप सभी जानते हैं की नर्मदेश्वर शिवलिंग में भगवान भोले नाथ स्वयं विराजमान रहते हैं। नर्मदा से प्राप्त सभी कंकर शिव शंकर हैं इसलिए आप नर्मदा से प्राप्त शिवलिंग को सीधे लाकर घर में स्थापित कर सकते हैं

Narmadeshvar Shivaling Katha Poojan Vidhi

2. नर्मदेश्वर शिव जी की घर में स्थापना के महत्व Narmadeshvar Shiv Jee Kee Ghar Mein Sthaapana Ke Mahatv:-

Narmadeshvar Shivaling Katha Poojan Vidhi: 1. नर्मदेश्वर शिवलिंग को घर में स्थापित करके पूजा करने से सुख समृधि तथा धन धान्य की प्राप्ति होती हैं। 2. घर में नर्मदेश्वर शिवलिंग स्थापित करके प्रतिदिन प्रातः दीपक जलाने से शिवलोक की प्राप्ति होती हैं। 3. शिवलिंग की बेलपत्र से पूजा करने से सभी मनोकामनायें पूर्ण होती हैं। 4. नर्मदेश्वर शिवलिंग पर शक्कर वाला दूध चढाने से बच्चो के मस्तिष्क का विकास होता हैं। 5. शिवलिंग पर गेहू चढ़ाने से पुत्र रतन की प्राप्ति होती हैं। 6. शहद चढाने से मधुमेह जैसे रोगो से मुक्ति मिलती हैं। 7. नर्मदेश्वर शिवलिंग का पंचामृत से अभिषेक करने पर बाधाओ का नाश होता हैं। 8. नर्मदेश्वर शिवलिंग के पूजन से आपके मन में शुद्ध भाव आते हैं, तथा आसपास की निराशाजनक स्थिति से छुटकारा मिलता हैं एकाग्रता में वृद्धि के लिये भी नर्मदेश्वर शिवलिंग की घर मे स्थापना की जाती हैं अहंकार, तनावक्रोध में कमी ओर परस्पर संबंधो में शांति, प्रेम और सामंजस्य स्थापित करने के लिए नर्मदेश्वर शिवलिंग की पूजा लाभदायक हैं।

FAQ-

1. कौन सा शिवलिंग घर में रखना चाहिए ?

सनातन धर्म के अनुसार घर में धातु से बनें शिवलिंग का उपयोग करना ही शास्त्र सम्मत माना गया हैं इसके लियें हमें सोना, चांदी या फिर तांबे का उपयोग करना चाहियें और साथ- साथ उसमें " शिवलिंग " पर एक नाग देवता भी स्थापित होना अनिवार्य हैं। इसके अलावा घर में पारद शिवलिंग रखना भी शुभ माना गया हैं। माँ नर्मदा नदीं से निकाला हुआ शिवलिंग बेहद शुभ माना जाता हैं। 

2. नर्मदेश्वर शिवलिंग की पूजा कैसे करें ?

सनातन धर्मं अनुसार नर्मदेश्वर शिवलिंग  की पूजा करनें का तरीका-
1. प्रातः काल सभी दैनिक क्रियाओं से निर्वत् होकर स्नान करें। 2. स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। 3. स्थान ग्रहण करें शिवलिंग का मुख उत्तर दिशा में होना चाहियें। 4. सर्वप्रथम शिवलिंग पर जल चढायें उसके बाद दूध, दहीं, शहद पंचामृत से अभिषेक करें और पुनः गंगाजल से अभिषेक करें। 5. शिवलिंग पर चन्दन, चावल, पुष्प और बेलपत्र चढायें। 6. नर्मदेश्वर शिवलिंग की पूजा करने के बाद भगवान भोलेनाथ से हाथ जोड़कर प्रार्थना करें हे भोलेनाथ! आप हम सब पर सदा अपना आशीर्वाद बनायें रखें। नोट- इस तरह नर्मदेश्वर शिवलिंग की पूजा करने से भोलेनाथ कृपा आप पर बनीं रहती हैं और आपके सभी दु:ख दर्द भोलेनाथ हर लेते हैं और आपके घर सुखशांति का वातावरण बना रहता हैं। 

Narmadeshvar Shivaling Katha Poojan Vidhi

3. क्या हम घर पर नर्मदेश्वर शिवलिंग रख सकते हैं ?

नर्मदेश्वर शिवलिंग स्वयंभू शिवलिंग हैं जिनको किसी भी प्रकार के मंत्रो या प्राण प्रतिष्ठा की आवश्यकता नही होती नर्मदेश्वर शिवलिंग स्वयं सिद्ध होते हैं और आप सभी जानते हैं की नर्मदेश्वर शिवलिंग में भगवान भोले नाथ स्वयं विराजमान रहते हैं। नर्मदा से प्राप्त सभी कंकर शिव शंकर हैं इसलिए आप नर्मदा से प्राप्त शिवलिंग को सीधे लाकर घर में स्थापित कर सकते हैं। नोट- शिवलिंग हमेशा 6 इंच का ही हो या अपने हाथ के अंगुठे के बराबर का शिवलिंग ही स्थापित करें। 

4. शिव लिंगम की सफाई कैसे करें ?

शिव लिंगम अर्थात शिवलिंग की सफाईं करने का तरीका- प्रथम शिवलिंग पर जल अर्पित करें, द्वितीय चन्दन के साथ- साथ पंचामृत- दूध, घी, बुरा, शहद, दहीं इसमें केला भी मसला जा सकता हैं, इससे शिवलिंग का अभिषेक करें और फिर शिवलिंग पर गंगाजल अर्पित करें। नोट- शिवालय जानें पर पहले शिवालय की सफाईं अवश्य करें सभी मनोकामनाएं जल्द पूर्ण होगीं। 

5. क्या शिवलिंग प्राकृतिक हैं ?

शिव-पार्वती स्वयं ही प्राकृतिक हैं तो शिवलिंग क्यों प्राकृतिक नहीं हो सकता? कहा जाता हैं कि माँ नर्मदा से निकलने वाला हर कंकर शिव शंकर हैं नर्मदेश्वर शिवलिंग स्वयंभू शिवलिंग हैं। अधिकतर शिव मंदिरों में नर्मदा से निकलें शिवलिंग ही स्थापित होतें हैं। शिवलिंग को सामान्यतः गोलाकार मूर्तितल पर खड़ा दिखाया जाता हैं जिसे पीठम् या पीठ कहते हैं

नोटः-'इस लेख में दी गई जानकारी, सामग्री, गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों, ज्योतिषियों, पंचांग, प्रवचनों, धार्मिक मान्यताओं, धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।'

CONCLUSION-आज हमनें हमारे लेख- नर्मदेश्वर शिवलिंग कथा,पूजन विधि-Narmadeshvar Shivaling Katha Poojan Vidhi आप सभी को बताया कि हम किस प्रकार से नर्मदेश्वर शिव लिंग को अपने घर में स्थापित कर सकते हैं और कैसे भगवान शिव कि पूजा कर सकते हैं और साथ साथ ये भी जाना कि इस शिव लिंग की स्थापना का महत्व क्या हैं हम आशा करते हैं कि आप सभी को हमारा ये लेख पसंद आयें।

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