Mahashivratri Shivratri Fast 2023...
मेरा भोला हैं भंडारी करें नंदी की सवारी भोलेनाथ रे शंभूनाथ रे ! आइए जानते हैं कि- 2023 में महाशिवरात्रि कब हैं ? महाशिवरात्रि 2023 की तारीख व मुहूर्त! महाशिवरात्रि हिन्दुओं के सबसे बड़े पर्वों में से एक हैं। दक्षिण भारतीय पंचांग "अमावस्यान्त पंचांग" के अनुसार माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को यह महाशिवरात्रि मनायीं जाती हैं। वहीं उत्तर भारतीय पंचांग "पूर्णिमान्त पंचांग" के अनुसार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का आयोजन होता हैं। महाशिवरात्रि 18 फरवरी 2023. वार. शनिवार महाशिवरात्रि मुहूर्त:- निशीथ काल पूजा मुहूर्त: 24:09:26 से 25:00:20 तक अवधि: 0 घंटे 50 मिनट: महाशिवरात्री पारणा मुहूर्त : 06:57:28 से 15:25:28 तक 19 फरवरी को
Mahashivratri Shivratri Fast 2023 महाशिवरात्रि शिवरात्रि व्रत ...
1. महाशिवरात्रि व्रत का शास्त्रोक्त नियम Scriptural Rule of Mahashivratri Fast:-
Mahashivratri Shivratri Fast 2023: महाशिवरात्रि व्रत कब करा जायें इसके लिए शास्त्रों में अनेक नियम तय कियें गयें हैं:- 1. चतुर्दशी पहले ही दिन निशीथव्यापिनी हो, तो उसी दिन महाशिवरात्रि मनाते हैं। रात्रि का आठवाँ मुहूर्त निशीथ काल कहलाता हैं। सरल शब्दों में कहें तो जब चतुर्दशी तिथि शुरू हो और रात का आठवाँ मुहूर्त चतुर्दशी तिथि में ही पड़ रहा हो, तो उसी दिन महाशिवरात्रि मनानी चाहियें। 2. चतुर्दशी दूसरे दिन निशीथकाल के पहले हिस्से को छुयें और पहले दिन पूरे निशीथ को व्याप्त करें, तो पहले दिन ही महाशिवरात्रि का आयोजन किया जाता है। नोट:- उपर्युक्त दो स्थितियों को छोड़कर बाक़ी हर स्थिति में व्रत अगले दिन ही किया जाता है।
2. शिवरात्रि व्रत की पूजन-विधि Worship Method of Shivratri Fast:-
1. मिट्टी के लोटे में पानी या दूध भरकर, ऊपर से बेलपत्र, आक-धतूरे के फूल, चावल आदि डालकर ‘शिवलिंग’ पर चढ़ाना चाहियें। अगर आस-पास कोई शिव मंदिर नहीं हैं, तो घर में ही मिट्टी का शिवलिंग बनाकर उनका पूजन किया जाना चाहियें। 2. शिव- पुराण का पाठ और महामृत्युंजय मंत्र या शिव के पंचाक्षर मंत्र "ॐ नमः शिवाय" का जाप इस दिन करना चाहियें। साथ ही महाशिवरात्री के दिन रात्रि जागरण का भी विधान हैं। 3. शास्त्रीय विधि-विधान के अनुसार महाशिवरात्रि का पूजन निशीथ काल में करना सर्वश्रेष्ठ माना जाता हैं। हालाँकि भक्त रात्रि के चारों प्रहरों में से अपनी सुविधानुसार यह पूजन कर सकते हैं।
3. ज्योतिष के दृष्टिकोण से महाशिवरात्रि पर्व Mahashivratri Festival from the Point of View of Astrology:-
Mahashivratri Shivratri Fast 2023: "चतुर्दशी तिथि के स्वामी भगवान भोलेनाथ अर्थात स्वयं शिव ही हैं।" इसलिए प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि के तौर पर बनाया जाता हैं। ज्योतिष शास्त्रों में इस तिथि को अत्यंत शुभ बताया गया हैं गणित ज्योतिष के आंकलन के हिसाब से महाशिवरात्रि के समय सूर्य उत्तरायण हो चुके होते हैं और ऋतु-परिवर्तन भी चल रहा होता हैं। ज्योतिष के अनुसार- चतुर्दशी तिथि को चंद्रमा अपनी कमज़ोर स्थिति में आ जाता हैं। चन्द्रमा को शिवजी ने मस्तक पर धारण किया हुआ है- अतः शिवजी के पूजन से व्यक्ति का चंद्र सबल होता हैं, जो मन का कारक है दूसरे शब्दों में कहें तो शिवजी की आराधना इच्छा-शक्ति को मज़बूत करती हैं और अन्तःकरण में अदम्य साहस व दृढ़ता का संचार करती हैं।
4. महाशिवरात्रि की पौराणिक कथा Mythology of Mahashivratri:-
Mahashivratri Shivratri Fast 2023: शिवरात्रि को लेकर बहुत सारी कथाएँ प्रचलित हैं विवरण मिलता हैं कि भगवती पार्वती ने शिवजी को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी पौराणिक कथाओं के अनुसार इसके फलस्वरूप फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशीं को भगवान शिवजी और माता पार्वतीजी का विवाह हुआ था यही कारण हैं कि महाशिवरात्रि को अत्यन्त महत्वपूर्ण और शुभ माना जाता हैं।
नोटः-'इस लेख में दी गई जानकारी, सामग्री, गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों, ज्योतिषियों, पंचांग, प्रवचनों, धार्मिक मान्यताओं, धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।'
CONCLUSION:-आज हमनें हमारें लेख- Mahashivratri Shivratri Fast 2023 महाशिवरात्रि शिवरात्रि व्रत 2023 के माध्यम से जाना कि इस व्रत का शास्त्रोक्त नियम क्या हैं। इस व्रत की पूजन विधि क्या हैं। ज्योतिष कि दृष्टि से महाशिवरात्रि पर्व का नियम क्या हैं। महाशिवरात्रि की पौराणिक कथा क्या हैं। और जाना कि गरूड़ पुराण अनुसार महाशिवरात्रि कि क्या कथा हैं। इन सभी विषयों के बारें में आज हमनें अपने इस लेख के माध्यम से जाना। आशा करते हैं कि आपको ये लेख पसंद आया होगा।
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