श्री राम आरती-स्तुति-श्लोक-ShriRam Aarti-Stuti-Shlok...

आज हम हमारें लेख में श्रीराम आरती-स्तुति-श्लोक ShriRam Aarti-Stuti-Shlok के माध्यम से श्रीराम आरती, श्रीराम स्तुति, सोरठा और श्लोक के बारें में जानेंगे इससे पहले हमने हमारें लेख राम भक्त हनुमान- भक्तिपूर्ण प्ररेक प्रसंग, श्री राम-रक्षास्तोत्रम् भाग प्रथम और श्री राम-रक्षास्तोत्रम् भाग द्वितीय के माध्यम से श्रीराम के बारें में जाना इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए श्रीराम आरती-स्तुति-श्लोक ShriRam Aarti-Stuti-Shlok के बारें में जानेंगे-

ShriRam Aarti Stuti Shlok

श्री राम आरती-स्तुति-श्लोक-ShriRam Aarti-Stuti-Shlok...

।।आरती ।।

जय जानकिनाथा, प्रभु, जय श्री रघुनाथा।
दोउ कर जोरे बिनउँ, प्रभु सुनिये बाता ।। ॐ जय ।। 
तुम रघुनाथ हमारे प्राण, पिता, माता ।
तुम ही सज्जन-संगी भक्ति मुक्ति दाता ।। ॐ जय ।। 

लख चौरासी काटो, मेटो यम त्रासा।
निसदिन प्रभु मोही राखो, अपने ही पासा ।। ॐ जय ।। 
राम भरत लछिमन संग, सत्रुहन भैया। 
जगमग ज्योति विराजै, शोभा अति लहिया ।। ॐ जय।।

हनुमत नाद बजावत, नेवर झमकाता। 
स्वर्णथाल कर आरति, कौसल्या माता ।। ॐ जय ।।
सुभग मुकुट सिर, धनु-सर कर शोभा भारी। 
मनीराम दर्शन करि, पल-पल बलिहारी ।। ॐ जय ।।

जय जानकीनाथा, प्रभु, जय श्री रघुनाथा।
 दोऊ कर जोरे बिनऊँ, प्रभु सुनिये बाता ।। ॐ जय ।

।। स्तुति।।

श्री रामचन्द्र कृपाल भज मन, हरण भव भय दारूणम।
नवकंलोचन, कंज-मुख-कर कंज पद कंजारूणम ।।

कंदर्प-अगणित अमित छवि, नवनील नीरज सुन्दरम्।
पटपीट मानहु तड़ित रूचि सुचि, नौमि जनक सुता वरम्।।

भजु दीनबन्धु दिनेश दानव दैत्यवंश निकन्दनम्।
रघुनन्द आनन्दकन्द कौशलचन्द दशरथ नन्दनम्।।

सिर मुकुट कुण्डल तिलक चारू, उदार अंग विभूषणम्।
आजानुभुज सर चाप धर, संग्राम जित खर दूषणम्।।

इति वदति तुलसीदास शंकर, शेष मुनि मन रंजनम्।
मम हृदय-कंज निवास कुरू कामादि खल दल गंजनम्।।

।। स्तुति।।

मनु चाहि राचेउ मिलिहि सो वर सहज सुन्दर सांवरो। 
करूना निधान सुजान सीलु सनेहु जानत रावरो।। 

एहि भाँति गौरि असीस सुनि सिय सहित हियँ हरषा अली ।
तुलसी भवानी पूजि पुनि-पुनि मुदित कल मन्दिर चली।।

 ।। सोरटा ।। 

जानि गौरि अनुकूल, सिय हिय हरषु न जाइ कहि।
मंजुल मंगल मूल, बाम अंग फरकन लगे ।।

 ।। श्लोक।। 

त्वमेव माता च पिता त्वमेव त्वमेव बन्धुश्व सखा त्वमेद। 
त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव त्वमेव सर्व मम देव देव ।।

 ।। सियावर रामचन्द्र की जय।। ।। श्री सीता माता की जय।। ।। पवनसुत हनुमान की जय।।

FAQ-

1.राम स्तुति कैसे करें ?

श्रीराम स्तुति करने के सरल उपाय - स्वच्छ जल से स्नान करें। स्वच्छ व साफ कपड़ो को धारण करें, सूर्य देव को जल अर्पित करें, भगवान श्रीराम को प्रसाद चढ़ वें और दीपदान करें और श्रीराम स्तुति से श्रीराम की आरती करें-
पट पीत मानहु तड़ित रूचि शुचि नौमि जनक सुतावरं।। भजु दीनबंधु दिनेश दानव-दैत्यवंश-निकंदनं। रघुनंद आनंदकंद कोशलचंद दशरथ-नन्दनं।। सिर मुकुट कुण्डल तिलक चारु उदारू अंग विभूषणं! 

2. राम राम लिखने से क्या फायदे होते हैं ?

राम राम नाम जप करने की अपेक्षा हजार गुना अधिक पुण्य राम नाम लिखनें से मिलता हैं ये बात आनन्द रामायण  के अनुसार कहीं गई हैं कहते हैं- कि लाल रंग की स्याही से श्रीराम का नाम लिखने से हनुमानजी प्रसन्न होते हैं। इससे शनि, राहु और केतु जैसे अशुभ ग्रहों के प्रकोप से राहत मिलती हैं। इसके अलावा मन एकाग्र होता हैं और स्मरण शक्ति में वृद्धि होती हैं। 

3. राम स्तुति कब पढ़ना चाहिए ?

रामनवमी पर्व के दिन समस्त कामनाओं की पूर्ति करने वाली भगवान श्रीरामचंद्र जी की चमत्कारी स्तुति। राम जन्मोत्सव पर्व की पूजा आराधना करने के बाद इस स्तुति का पाठ अर्थ सहित जरूर करें। ये राम स्तुति का सहीं समय होता हैं। 

4. राम रक्षा स्त्रोत कितनी बार पढ़ना चाहिए ?

वेदों के अनुसार राम रक्षा स्त्रोत का 11 बार पढ़ लिया  जायें तो इसका प्रभाव पूरे दिन तक रहता हैं और यदि राम रक्षा स्त्रोत का पाठ 45 दिनों कर लिया जायें तो इसके फल में वृद्धि हो जाती हैं। ऐसा माना जाता हैं कि श्रीराम की भक्ति से बड़े से बड़े संकटों का नाश हो जाता हैं और हर तरह की बाधा का निवारण होता हैं। 

5. राम रक्षा स्तोत्र में कितने श्लोक हैं ?

श्री राम रक्षा स्तोत्र में 38 श्लोक हैं जिनमें अधिकांश अनुष्टुप् छन्द में हैं और इस कारण यह बहुत जल्दी ही याद हो जाते हैं। 

6. श्री राम रक्षा स्तोत्र क्या हैं ?

श्रीराम रक्षा स्त्रोत श्रीराम का पाठ हैं, जिसे श्रीराम की पूजा करते हुए पढ़ा जाता हैं मानव को इस पाठ के अद्भुत लाभ अपने जीवन में देखने को मिलतें हैं। इस पाठ से अकाल मृत्यु से बचा जा सकता हैं। 

7. राम रक्षा स्त्रोत पढ़ने से क्या लाभ होता हैं ?

जो जातक इसका पाठ करता हैं वह दीर्घायु, सुखी, संततिवान, विजयी तथा विनयसंपन्न होता हैं।  इससे मंगल का कुप्रभाव समाप्त होता हैं - मान्‍यता हैं कि इसके प्रभाव से व्यक्ति के चारों और सुरक्षा कवच बनता हैं, जिससे हर प्रकार की विपत्ति से रक्षा होती हैं - इसके पाठ से भगवान राम केप्र साथ पवनपुत्र हनुमान भी प्रसन्न होते हैं। 

नोटः-'इस लेख में दी गई जानकारी, सामग्री, गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों, ज्योतिषियों, पंचांग, प्रवचनों, धार्मिक मान्यताओं, धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।'

CONCLUSION- आज हमनें हमारे लेख- श्री राम आरती-स्तुति-श्लोक-ShriRam Aarti-Stuti-Shlok के माध्यम से जाना श्री राम स्तुति और श्र्लोक के बारें में-

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