राम भक्त हनुमान-भक्तिपूर्ण प्ररेक प्रसंग Ram bhakt hanuman bhaktipoorn prarekprasang...
आज हम हमारें लेख राम भक्त हनुमान- भक्तिपूर्ण प्ररेक प्रसंग के माध्यम से दो शिक्षाओं के द्वारा जानेंगे कि राम भक्त हनुमान का भ्रम कैसे टूटा तो आयें जानेंतें हैं कि रामायण में वो प्ररेक प्रसंग क्या हैं- जिसमें राम भक्त हनुमान का भ्रम टूट गया और हनुमान को अहसास हुआ कि सम्पूर्ण धरा पर जो भी होता हैं वो मेरे प्रभु श्रीराम के अनुसार होता हैं।
हमें बस ये लगता हैं कि जो हम कर रहें वो हम ही करते किन्तु ये सत्य नहीं इस सम्बंध में राम भक्त हनुमान के इस प्ररेक प्रसंग के बारे में आध्यात्मिक तौर से जानेंगे-
राम भक्त हनुमान-भक्तिपूर्ण प्ररेक प्रसंग Ram bhakt hanuman bhaktipoorn prarekprasang...
Ram bhakt hanuman bhaktipoorn prarekprasang: भगवान् महेश- जो संजीवनी के लिए द्रोणगिरि को ही उठा लाए थे जो सुन्दर भव्य विभूति सम्पन्न श्रीराम लक्ष्मण के सेवक सहायकों में चक्रवर्तिशिरोमणि और मल्लवीर काशीपुरी के दक्षिण भाग में स्थित दिव्य भवन में विराजमान हैं, ऐसे महेश-रुद्रावतार भगवान् मारुति की जय हो ।। "हनुमानजी के विचार श्रीराम के समक्ष हनुमानजी जब संजीवनी बूटी का पर्वत लेकर लौटते हैं" - "आइ गयउ हनुमान जिमि करुना महँ बीर रस" । तो भगवान् श्रीराम जी से कहते- "प्रभु ! आपने मुझे संजीवनी बूटी लेने नहीं भेजा था बल्कि मेरा भ्रम दूर करने के लिए भेजा था और आज मेरा यह भ्रम टूट गया कि मैं ही आपका राम नाम का जप करने वाला सबसे बड़ा भक्त हूँ।"
1. प्रथम शिक्षा First education:-
2. द्वितीय शिक्षा Second education:-
FAQ-
1.हनुमानजी की आयु क्या हैं ?
हनुमानजी की आयु एक कल्प अर्थात 4.35 अरब वर्ष हैं। ये हमारें पुराण अगस्त्य संहिता व वायु पुराण में से ज्ञात होता हैं। इसलिए राम भक्त हनुमान जी को अजर अमर माना जाता हैं।
2. हनुमानजी को बुलाने का मंत्र क्या हैं ?
राम भक्त हनुमानजी का मंत्र- "ओम नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसहांरणाय सर्वरोगाय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा"।
3. हनुमानजी पृथ्वी पर कब तक रहेंगे ?
हनुमानजी अजर अमर हैं कलियुग के अंत तक राम भक्त हनुमानजी पृथ्वी पर ही रहेंगे।
4. हनुमानजी कहाँ रहते हैं ?
मान्यताओं के अनुसार- कैलाश पर्वत से उत्तर दिशा की ओर गंधमादन पर्वत पर राम भक्त हनुमानजी निवास करते हैं। मान्यताओं के अनुसार- ये भी कहा जाता हैं कि- जहाँ पर भी सुन्दर काण्ड का पाठ होता हैं वहाँ हनुमानजी किसी ना किसी रूप में आते हैं।
5. हनुमान से बड़ा भक्त कौन हैं ?
"मंगल भवन अमंगल हारी, द्रवहु सुदसरथ अजर बिहारी"। श्री राम जी का हनुमानजी से बड़ा भक्त कोई नहीं हैं। जिन्हें हम बजरंगबली के नाम से भी जाना जाता हैं।
6. हनुमान जी ने राम से क्या मांगा था ?
हनुमान जी ने प्रभु श्रीराम! से क्षमा मांगते हुए कहा कि मैं तो मंदबुद्धि हूं, दूसरे मोह के वश में हूं और तीसरे मैं हृदय का कुटिल और अज्ञानी हूं हे प्रभु! दीनबंधु! मुझे सदा आपकी भक्ति करने का आशीर्वाद दें।
7. राम भक्त हनुमानजी के पुत्र का नाम क्या था ?
राम भक्त हनुमानजी के पुत्र का नाम मकरध्वज था जो कि हनुमानजी का ही पुत्र था। ये कथा रामायण में अंकित हैं।
8. राम और हनुमान के बीच युद्ध क्यों हुआ ?
श्रीराम अपने गुरु विश्वामित्र की बात कभी टालते नहीं थे। उन्होंने बहुत ही दुखी होकर हनुमान पर बाण चलाए, लेकिन हनुमानजी राम का नाम जपते रहें और उनको कुछ नहीं हुआ। राम को अपने गुरु की आज्ञा का पालन करना ही था इसलिए भगवान श्रीराम ने हनुमान पर बह्रमास्त्र चलाया।
9. हनुमान जी को कौन सी माला पसंद हैं ?
श्रीराम भक्त हनुमान जी को तुलसी की माला अर्पित की जाती हैं। कहते हैं कि ऐसा करने से संकट से मुक्ति मिलती हैं और सुख-समृद्धि के द्वार खुल जाते हैं। कहा जाता कि मंगलवार के दिन हनुमान जी को तुलसी की माला चढ़ाने से धन लाभ के योग बनते हैं।
10. हनुमान जी की गदा का नाम क्या हैं ?
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार- संकटमोचन की गदा का नाम कौमोद की गदा हैं बजरंगबली की कौमोदकी गदा बहुत ही विशाल और शक्तिशाली थी। पवनपुत्र हनुमान ने इस गदा से कई राक्षसों और दानवों का संहार किया था। हनुमान जी की प्रतिमा में आपने देखा होगा कि उनके बाएं हाथ में गदा लेने के कारण इन्हें वामहस्तगदायुक्तम भी कहा जाता हैं।
"जय श्री सीताराम जय हनुमान जय श्री सीताराम जय हनुमान जय श्री सीताराम जय हनुमान"
नोटः-'इस लेख में दी गई जानकारी, सामग्री, गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों, ज्योतिषियों, पंचांग, प्रवचनों, धार्मिक मान्यताओं, धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।'
CONCLUSION-आज हमनें हमारे लेख राम भक्त हनुमान - भक्तिपूर्ण प्ररेक प्रसंग के माध्यम से जाना कि किस प्रकार राम भक्त हनुमान ने भी जाना कि संसार में जो भी काम हो रहा हैं श्रीराम के द्वारा ही होता हैं।
Very well explained.
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