आज हम हमारें लेख-Omkaareshvar Jyotirling Mandir Ka Itihaas ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मन्दिर का इतिहास- के माध्यम से जानेंगे कि ओंकारेश्वर मन्दिर का इतिहास, मन्दिर की कथा, मन्दिर की मान्यता, कुबेर देव का मन्दिर से सम्बंध, और धनतेरस पूजन का महत्व आदि के बारें में तो आयें जानतें हैं-
ओंकारेश्वर मन्दिर का इतिहास- ओंकारेश्वर एक हिन्दू मंदिर हैं यह मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में स्थित हैं। "यह नर्मदा नदी के बीच मन्धाता या शिवपुरी नामक द्वीप पर स्थित हैं"। यह भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगओं में से एक हैं सदियों पहले भील जनजाति ने इस जगह पर लोगो की बस्तियां बसाई और अब यह जगह अपनी भव्यता और इतिहास के लिये प्रसिद्ध हैं। ये (ओंकारेश्वर ) यहां के मोरटक्का गांव से लगभग 14 कि॰मी॰ दूर बसा हैं। यह द्वीप हिन्दू पवित्र चिन्ह ॐ के आकार में बना हैं यहां दो मंदिर स्थित हैं।
Omkaareshvar Jyotirling Mandir Ka Itihaas...
Omkaareshvar Jyotirling Mandir Ka Itihaas: ॐकारेश्वर-ममलेश्वर-ॐकारेश्वर मन्दिर धर्म संबंधी जानकारी सम्बद्धता हिंदू धर्म
देवता
ॐ अवस्थिति जानकारी अवस्थिति मध्य प्रदेश के खंडवा
जिले में वास्तु विवरण शैली हिन्दू निर्माता स्वयंभू स्थापित अति प्राचीन
ॐकारेश्वर का निर्माण नर्मदा नदी से स्वतः ही हुआ हैं। यह नदी भारत की पवित्रतम नदियों में से एक हैं और अब इस पर विश्व का सर्वाधिक बड़ा बांध परियोजना का निर्माण हो चुका हैं। जिस ओंकार शब्द का उच्चारण सर्वप्रथम
"सृष्टिकर्ता बृह्मा" विधाता के मुख से हुआ वेद का पाठ इसके उच्चारण किए बिना नहीं होता हैं इस ओंकार का भौतिक विग्रह ओंकार क्षेत्र है इसमें
68 तीर्थ हैं यहाँ
33 कोटि देवता परिवार सहित निवास करते हैं तथा
2 ज्योतिस्वरूप लिंगों सहित
108 प्रभावशाली शिवलिंग हैं। मध्यप्रदेश में देश के प्रसिद्ध
12 ज्योतिर्लिंगों में से
2 ज्योतिर्लिंग विराजमान हैं। एक उज्जैन में
श्री
महाकाल के रूप में और दूसरा ओंकारेश्वर में
ओम्कारेश्वर- ममलेश्वर के रूप में विराजमान हैं।
1. मन्दिर का इतिहास Mandir Ka Itihaas:-
Omkaareshvar Jyotirling Mandir Ka Itihaas: ओंकारेश्वर प्रारंभ में भील राजाओं की राजधानी थी लंबे समय तक ओम्कारेश्वर भील राजाओं के शासन का क्षेत्र रहा। देवी अहिल्याबाई होलकर की ओर से यहाँ नित्य नियमित मृदा मिट्टी के 18 सहस्र शिवलिंग तैयार कर उनका पूजन करने के पश्चात उन्हें नर्मदा में विसर्जित कर दिया जाता ओंकारेश्वर नगरी का मूल नाम 'मान्धाता' हैं। कहा जाता हैं कि- भगवान शिव पार्वती माँ के साथ यहाँ पर रात में चौसर खेलते हैं और रात्रि विश्राम करते हैं ये मान्यता सदियों पुरानी हैं।
2. मन्दिर की कथा Mandir ke katha:-
Omkaareshvar Jyotirling Mandir Ka Itihaas: राजा मान्धाता ने यहाँ नर्मदा किनारे इस पर्वत पर घोर तपस्या कर भगवान शिव को प्रसन्न किया और शिवजी के प्रकट होने पर उनसे यहीं निवास करने का वरदान माँग लिया तभी से उक्त प्रसिद्ध तीर्थ नगरी ओंकार-मान्धाता के रूप में पुकारी जाने लगी जिस ओंकार शब्द का उच्चारण सर्वप्रथम सृष्टिकर्ता विधाता के मुख से हुआ वेद का पाठ इसके उच्चारण किए बिना नहीं होता हैं। इस ओंकार का भौतिक विग्रह ओंकार क्षेत्र हैं इसमें 68 तीर्थ हैं यहाँ 33 कोटि देवता परिवार सहित निवास करते हैं।
FAQ-
1. ओंकारेश्वर की परिक्रमा कितनी हैं ?
ओंकारेश्वर की परिक्रमा तकरीबन 7 कि.मी की हैं, ओंकारेश्वर परिक्रमा पथ पर बहुत से प्राचीन मन्दिर व पुरातत्व महत्व के स्मारक हैं। इनमें दर्शन करने के नियम हैं जिसका अवश्य ध्यान रखें। ये परिक्रमा कामनापूर्ति के लिए नर्मदा जल लेकर की जाती हैं। इस परिक्रमा में श्री ओंकारेश्वर व मान्धाता पर्वत की परिक्रमा की जाती हैं। जिसका अत्यंत लाभकारी परिणाम प्राप्त होता हैं।
2. ओंकारेश्वर के दर्शन करने में कितना समय लगता हैं ?
ओंकारेश्वर दर्शन समय:- प्रातः 5.00 बजें से दोपहर 12.20 बजें तक और शाम: 4.00 बजें से रात 8.30 बजें श्री ओंकारेश्वर भगवान के दर्शन कियें जा सकतें हैं। इसी समय के दौरान मन्दिर में विभिन्न अनुष्ठान भी होते हैं। मन्दिर में दर्शन समय सप्ताह के सभी दिनों के लियें दर्शाया गया हैं।
नोटः-'इस लेख में दी गई जानकारी, सामग्री, गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों, ज्योतिषियों, पंचांग, प्रवचनों, धार्मिक मान्यताओं, धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।
CONCLUSION- आज हमनें हमारे लेख ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मन्दिर का इतिहास-Omkaareshvar Jyotirling Mandir Ka Itihaas के माध्यम से ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मन्दिर के बारें में आपको सम्पूर्ण जानकारियां उपलब्ध करवाईं उम्मीद हैं की आप सभी के लियें ये जानकारी उपयोगी साबित होगी।
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