Shubh Ashubh Phal-शुभ अशुभ फल...

आज हम हमारें लेख Shubh Ashubh Phal-शुभ अशुभ फल: के माध्यम से जानेंगे कि आखिर शुभ अशुभ होता क्या हैं भारतीय सभ्यता में शुभ अशुभ का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान हैं आज हम हमारें लेख में इसके बारे में आपसे चर्चा करेंगे हालांकि लेख बहुत ही छोटा हैं परन्तु उपयोगी बहुत हैं तो आयें जानते हैं Shubh Ashubh Phal-शुभ अशुभ फल: के बारें में-

Shubh Ashubh Phal-शुभ अशुभ फल...

Shubh Ashubh Phal-शुभ अशुभ फल...

1. दीवालें पक्के ईट की हो या लकड़ी आदि की हो अथवा मिट्टी की हो चित्रपट या तृण या घास आदि कभी न बनावें।अन्यथा इनमें बनाये गयें घर क्रमशः पूर्वादिक क्रम से ऐश्वर्य, पुत्र हानि, स्त्री हानि और मृत्यु, सम्पत्ति, शत्रुभय, सौख्य की पुष्टि होती हैं।

2. अगर घर के मध्य में कुँआ बनाया जाये तो वह धन हानि देने वाला होता हैं इसलिए ठीक ढंग से विचार करके बुध्दिमान व्यक्ति को कुएं का निर्माण करना चाहिये। 

3. पुन्नग, अशोक, तिलक, शमी, बबूल, मौलश्री, चंपा, अनार, पिप्पली, अंगूर, नीम, जय तथा अमरबेल। सुपारी का वृक्ष, कटहल, कमल, गृह की मल्लिका ( जुही ), मल्लिका गुलाब, आदि तथा नारियल के वृक्ष। ये वृक्ष घर आंगन में हमेशा अमंगल करने वालें होते हैं किन्तु पाकड़ और बेर के वृक्ष, ये दोनों घर के उत्तर दिशा में शुभ कहे गये हैं। 

4. बरगद, गूलर तथा पीपल के वृक्ष पूरब दिशा में शुभप्रद कहें गये हैं। अगस्त, हल्दी तथा केले के वृक्ष उसी प्रकार पूरब में शुभ हैं। यदि ये सभी अपने आप उग आये हों तो दुःख, शोक और भय देने वाले होते हैं। घर के निर्माण में तथा तीनों प्रकार के प्रवेश में भी।

नोटः-'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री, गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों, ज्योतिषियों, पंचांग, प्रवचनों, धार्मिक मान्यताओं, धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।'

CONCLUSION-Shubh Ashubh Phal-शुभ अशुभ फल...

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