लक्ष्मी प्राप्ति के-सरल उपाय Laxmi Prapati Ke Saral Upaay...
आज हम हमारें लेख लक्ष्मी प्राप्ति के- सरल उपाय Laxmi Prapati Ke Saral Upaay के माध्यम से जानेंगे कि वो कौन से सरल उपाय हैं जिसें अपना कर हम लक्ष्मी को प्राप्त कर सकते हैं। दरिद्रता निवारण हेतु विशेष उपाय क्या हैं ? दरिद्रता निवारण के सरल उपाय क्या हैं ? यू तो धन की लालसा व्यक्ति को जीवन भर रहती हैं और ये लालसा निरन्तर उसे इसको पाने के लिये कार्यरत रखती हैं।
हम कार्य कर इसे पा भी लेते हैं लेकिन हम चाहते हैं कि धन-लक्ष्मी हमेशा हम पर दया बना कर हमारे पास ही रहे। आज हम आपको बताने जा रहें कि कैसे आप पर धन-लक्ष्मी कि दया बनी रहेंगी तो अपनाये लक्ष्मी प्राप्ति सरल के-उपाये Laxmi Prapati Ke Saral Upaay लक्ष्मी( रमा) प्राप्ति के लिये ये उपाय अपना कर निश्चित रूप से धन, वैभव एवं ऐश्वर्य प्राप्त कर सकते हैं, इसमें जरा भी संदेह नहीं हैं।
लक्ष्मी प्राप्ति के-सरल उपाय Laxmi Prapati Ke Saral Upaay...
1. प्रातः उठते ही हस्तदर्शन दोनों हथेलियों को 3 बार मुंह पर फेरना चाहिये। 2. जब भी किसी कार्य से बाहर निकले तो घर पर आते समय कुछ ना कुछ साथ लेकर ही आएं खाली हाथ नहीं आएं चाहे पेड का पत्ता-अखबार या जीवन जरुरत कि वस्तुएं लेकर आयें। सूर्यास्त के बाद में पेड़ के पत्ते तोडना हानिकारक होता है। 3. धन या व्यापार से संबंधित लेन-देन के खाते पर या पत्र व्यवहार करते समय हल्दी या केशर लगायें। 4. गल्ले में, पैसे के लेन-देन से संबंधित, चौक बुक, पासबुक पूंजी निवेश से संबंधित कागजात इत्यादि श्री यंत्र के साथ में रखें। 5. प्रतिदिन भोजन के लिए बनी पहली रोटी गाय को खिलायें।
6. शुक्रवार को सफेद वस्तुओं का दान करने से धन योग बनता। 7. प्रातः काल नाश्ता करने से पूर्व झाडू अवश्य लगायें। 8. रात को जूठे बर्तन, कचरा इत्यादि रसोई में नहीं रखें। 9. प्रतिदिन संध्या समय घर पर पूजा नियत समय पर करें। 10. नियमित रूप से शनिवार के दिन घर कि साफ-सफाई करें। 11. रुपया पैसा धन को थूक लगाकर गिनने से दरिद्रता आती हैं। 12. बुधवार को धन का संचय करें। बैंक में धन जमा करवाते समय लक्ष्मी मंत्र जपा करें। 13. घर में किसी भी देवी-देवता की एक से ज्यादा तस्वीर, मूर्ति पूजा पर स्थान नहीं रखें। 14. जरुरत मंद व्यक्ति, गरिबों को यथा शक्ति मदद कर उन्हें दान इत्यादि समय-समय पर देते रहें।
15. पुरानी, रद्दी भंगार इत्यादि शनिवार के दिन घर से बाहर निकाल देनी चाहिये। 16. शनिवार के दिन काले रंग कि वस्तु, स्टील,लोहा इत्यादि उपहार में नहीं लेनी चाहिये।17. किसी कार्य के लिये जाते समय खाली पेट कभी भी घर से ना निकले । कार्य में बाधा विघ्न आते हैं, असफलता प्राप्त होती हैं। 18. मंगलवार, गुरुवार, शनिवार को बाल-नाखून नहीं काटने चाहिये। 19. स्थिर लक्ष्मी की कामना हेतु रुपया-पैसा हीरे जवाहरात पीला कपडा बिछाकर या पीले कपडे में लपेटकर रखें। 20. वर्ष में कम से कम एक बार परिवार के साथ तीर्थ यात्रा अवश्य करें। परिवार के साथ किसी देवी के मंदिर में कम से कम एक बार महिने में अवश्य जायें।
21. सूर्योदय के समय यदि घर की छत पर काले तिल बिखेरने से घर में सुख समृद्धि होती हैं। 22. अशोक का पेड़ लगाकर उसको सींचने से धन में वृद्धि होती हैं। 23. सुबह मुख्य दरवाजे के बाहर से झाड़ू से सफाई करके थोडा पानी छिड़क ने से घर में धन की वृद्धि होती हैं। 24. प्रति सोमवार,बुधवार, शुक्रवार अशोक वृक्ष के अखंडित पत्ते घर में लाकर शुद्ध जल या गंगाजल से धोकर लाल कपडे से पोछकर घर में या व्यावसायिक स्थान पर रखने से धन लाभ होता हैं। 25. प्रति सोमवार के दिन अशोक वृक्ष के अखंडित पत्ते लाकर शुद्ध जल या गंगा जल से धोकर लाल कपड़े से पोछकर दुकान में या व्यावसायिक स्थल पर माल सामान रखने कि जगह पर रखने से व्यापर में वृद्धि होती हैं।
1. दरिद्रता निवारण हेतु विशेष उपाय Special measures for poverty alleviation:-
दरिद्रता निवारण को भी दो भाग में बांटा गया हैं एक में दरिद्रता आने के कारण और दूसरे भाग में दरिद्रता मुक्त के सरल उपाय दिये गये हैं।
1. क्यों आती हैं दरिद्रता Why does poverty occur?
1. प्रतिदिन देर उठने से दरिद्रता आती हैं। 2. घर का सारा कचरा झाडू लगाकर एक कोने में समेट कर रखने से आती हैं। कचरे को घर से बाहर फेक दें। 3. संध्या समय घर में दीपक नहीं जलाने से दरिद्रता आती हैं। 4. गुरुवार के दिन बाल-दाढ़ी काटने से निर्धनता आती हैं। 5. दीप से अगरबत्ती जलाने से दरिद्रता आती हैं। "अगरबत्ती अलग माचिस से जलायें"। 5. गुरूवार के दिन भोजन में मांसाहार खाने से दरिद्रता आती हैं। 6. गुरुवार के दिन धोबी को कपड़े धोने के लिये देने से दरिद्रता आती हैं। 7. गुरुवार के दिन पीली मिट्टी से बाल धोने से निर्धनता आती हैं।
8. सूर्यास्त होने के बाद घर में झाडू लगाने से घर में दरिद्रता आती हैं। 9. अर्द्धवृत्ताकर "अर्ध गोलाकार" भूखंड या भवन के स्वामित्व से दरिद्रता प्राप्त होती हैं। 10. गुरु का दिया गये मंत्र के त्याग करने से व्यक्ति दरिद्र हो जाता हैं। 11. गुरु से कपट व मित्र से चोरी करने से दरिद्रता आती हैं। 12. कपड़े के आसन पर बैठकर पूजा-पाठ मंत्र जप अनुष्ठान इत्यादि करने से दरिद्रता आती हैं। 13. पत्थर एवं मिट्टी के बर्तनों मे भोजन करने से निर्धनता आती हैं। 14. भोजन और दूध को बिना ढके रखने से निर्धनता आती हैं। 15. घर में सुबह झाडू बुहारी करके साफ नहीं करने से निर्धनता आती हैं।
16. इन्द्रियों को संयम में नहीं रख कर पर-स्त्री एवं पर-धन की कामना करने से निर्धनता आती हैं। 17. ईश्वर में श्रद्धा नहीं रखने व्यक्ति दरिद्र हो जाता हैं। 18. दिन में अकारण सोने से घर दरिद्रता आती हैं। 19. रोग से पीड़ित व्यक्तियों को सांत्वना देने के बजाय उपहास करने से निर्धनता आती हैं।20. जरा-जरा बात में खिन्न होने वाले जरा-जरा बात में अपने वचनों से मुकरने वाले व्यक्ति दरिद्र हो जाता हैं। 21. छल-कपट और स्वार्थ का आश्रय लेकर, दूसरों के शोषण का आश्रय लेकर धन प्राप्त करने से निर्धनता आती हैं। उसके पास धन आ सकता हैं परन्तु उसके पास धन महालक्ष्मी नहीं आ सकती।
22. जूठे मुँह रहने से दरिद्रता आती हैं। 23. मैले-कुचौले-फटे हुए कपड़े पहनने से निर्धनता आती हैं। 24. दीन-दुःखियों को सताने से निर्धनता आती हैं। 25. माता-पिता के आशिर्वाद नहीं लेने से निर्धनता आती हैं। 26. धर्म शास्त्र और संतों कि निंदा करने से व्यक्ति दरिद्र हो जाता हैं। 27. घी को जूठे हाथ से छूने से निर्धनता आती हैं। 28. जूठा हाथ सिर पर लगाने से निर्धनता आती हैं। 29. जूठे मुँह शुभ वस्तुओं का स्पर्श करने से दरिद्रता आती हैं। 30. मंगलवार को ऋण लेने से दरिद्रता आती हैं। 31. पापकर्म में रत रहने से दरिद्रता आती हैं। 32. कठोर कडक वचनों का प्रयोग करने से निर्धनता आती हैं।
33. बडे-बुजुर्गों का अनादर करने से उनकी बात नहीं मानने से निर्धनता आती हैं। 34. जो स्त्री-पुरुष अपने पति-पत्नी को दबाकर रखने की इच्छा रखने से निर्धनता आती हैं। 35. वासी फूल का उपयोग करने निर्धनता आती हैं। 36. दुर्गंध युक्त स्थान पर अधिक लोगो के साथ में सोने से निर्धनता आती हैं। 37. फटा-टूटा आसन का उपयोग करने से निर्धनता आती हैं। 38. श्मशान की चिता के अंगारे, अस्थि, भस्म, गाय, कपास ( रुई ), पूज्य एवं गुरु जन, ब्राह्मण को पैर लगानें से निर्धनता आती हैं। 39. अपने एक पैर को दूसरे पैर से धीसने से दबाने से निर्धनता आती हैं।
40. जिस जल में नाखून या बाल गिरे हो उस जल का सेवन या स्पर्श करने से निर्धनता आती हैं। 41. चतुर्दशी एवं अमावस्या के दिन शारीरिक सुख भोगने से निर्धनता आती हैं। 42. बिना वस्त्र के सोने से निर्धनता आती हैं। 43. कचरा निकालते वक्त उड़ने वाली धुल का स्पर्श शरीर को होने से दरिद्रता आती हैं। "झाडू लगाते वक्त सावधानी बरते जिससे धूल का स्पर्श आपके शरीर को न हो"। 44. बैठे-बैठे कुर्सी-टेबल-पलंग इत्यादि पर बिना वजह से बजाने ( ढोल जैसे ) से निर्धनता आती हैं। 45. स्नान करने के उपरांत शरीर पर तेल लगाने से निर्धनता आती हैं। ( स्नान से पूर्व तेल लगायें )।
46. अपने पैर कि एडी का मस्तक पर स्पर्श करने से निर्धनता आती हैं। 47. अंधेरे कमरे में सोने से निर्धनता आती हैं। ( कमरे में थोड़ी से रोशनी जरूर रखें ) 48. रात्रि काल में धारण करने वाले वस्त्र दिन में धारण करने से निर्धनता आती हैं। ( रात में एवं दिन में धारण करने वाले कपड़े अलग-अलग रखें। दिन के रात में एवं रात के दिन में कभी नहीं पहनें। 49. वासी एवं शुष्क भोजन खाने से दरिद्रता आती हैं। 50. शुक्रवार एवं अमावस्या के दिन तेल-गंध-द्रव्य को शरीर पर लगाने से दरिद्रता आती हैं।
2. दरिद्रता निवारण के सरल उपाय Simple solutions to poverty alleviation:-
1. प्रतिदिन प्रातः जल्दी उठ कर इष्ट आराधना करने से दरिद्रता दूर होती हैं। 2. गुरुवार के दिन घर में गाय के गोबर का लेपन आदि करने से दरिद्रता दूर होती हैं। 3. गुरुवार के दिन पीली वस्तु का भोजन करने से दरिद्रता दूर होती हैं। 4. दान-पुण्य इत्यादि कर्म करते रहने से दरिद्रता दूर होती हैं। 5. प्राण-प्रतिष्ठित सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने से दरिद्रता से मुक्ति मिलती हैं।
6. घर में प्राण-प्रतिष्ठित दक्षिणावर्ती शंख को घर में स्थापना से लक्ष्मी का स्थायी वास होता हैं, शत्रुओं से रक्षा होती हैं, रोग, ऋण, अज्ञानता एवं दरिद्रता से शीघ्र मुक्ति मिलती हैं। 7. घर में प्राण-प्रतिष्ठित विष्णु शंख ( श्वेत रंग का शंख ) स्थापित करने से एवं नित्य पूजन करने से दरिद्रता दूर होती हैं। 8. श्री सूक्त का पठन करने से भी दरिद्रता से मुक्ति मिलती हैं। 9. श्री सूक्त की ऋचाओं का श्रवण या पठन करके नियमित हवन करने से विभिन्न कष्ट दूर होकर ऐश्वर्य प्राप्ति होती हैं । लक्ष्मी जी की कृपा प्राप्त होने से दुःख दरिद्रता, रोग,कष्ट, कर्ज से स्वतः मुक्ति मिलती हैं।
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