Maha Lakshmi Poojan Mantra Va Pooja...

आज हम हमारें लेख के माध्यम से जानेंगे कि हम महालक्ष्मी पूजन मंत्र व पूजा- किस प्रकार कर सकते हैं, यू तो दीपावली, दीपोत्सव शुभ अवसर हैं, महालक्ष्मी पूजन का इस दिन हम सभी चाहते हैं कि विधि -विधान से पूजन करके लक्ष्मी को प्रसन्न किया जाए- आज हम जानेगें महालक्ष्मी पूजन मंत्र व पूजा-MahaLakshmi Poojan  Mantra Va Pooja के बारे में की हम कैसे करे महालक्ष्मी पूजन, मंत्र पूजा आयेंये हम जाने महालक्ष्मी पूजा के बारे में-आइए सबसे पहले जानते हैं मां महालक्ष्मी को क्या पसंद हैं -

महालक्ष्मी पूजन  मंत्र व पूजा-MahaLakshmi Poojan  Mantra Va Pooja...

Maha Lakshmi Poojan Mantra Va Pooja...

दोहा:  "गणपति गुरु शारद सुमरि , विष्णुः शीश नवाय। लक्ष्मी पूजन लिखत हूँ , सरस बनाय"।। 

1. लक्ष्मी पूजन की सामग्री Lakshmi puja material:-

अक्षत ( चावल ), लड्डू या गुड़, साबुत धनिया, पान, फूल, सुपारी, रोली, मोली, जौ, कुशा, फूलमाला, चन्दन, सिन्दूर, धूप कपूर, दीपक, प्रसाद, दूब, श्रीफल, दशोषधि, पंचपल्लव, सप्तमृतिका, पंचरत्न, स्वर्ण, राता, सफेद वस्त्र, यज्ञोपवीत, पंचामृत का सामान, तीर्थ जल, खील, मजीठ, हरिद्रा, इत्र, फुलेल, बन्दनवार, गहने, अंगोछा, कमल पुष्प, लौंग, इलायची, मेवा, लालचन्दन, लक्ष्मी व गणेश जी की मूर्ति या चित्र, पाटा, कलश और अगरबत्तियाँ । 

2. लक्ष्मी पूजन की तैयारी कैसे करें How to prepare for Lakshmi Puja:- 

1. अथ पूजन विधान Ath poojan ritual:- अथ पूजन विधान शुध्द जल से स्नान कर के तथा शुद्ध वस्त्र पहनकर सकुटुम्ब श्री महालक्ष्मी जी का पूजन करें। एक पाठा बिछाकर उस पर गणेश जी तथा महालक्ष्मी जी की मूर्ति अथवा चित्र जो भी उपलब्ध हो सके, पधरावें।
2. नवग्रहों की पूजा Worship of navagrah:- नवग्रहों की पूजा के लिये पण्डित लोग अलग - अलग दो पाटों पर गेहूं के दानों से लाल वस्त्र पर मातृ का मण्डल तथा दूसरे पाटे पर चावलों से नवग्रह मण्डल बनाते हैं और वहीं उनकी पूजा होती हैं।
3. संकल्प यह हैं The resolutions are:- मैं.... जाति.... ..गोत्र .. जम्बूद्वीप के भारत खण्ड का रहने वाला आज मिति कार्तिक कृष्णा ....वार .... संवत् .. को सकुटुम्ब श्री महालक्ष्मी पूजन कर रहा हूँ । नोट:- खाली स्थान पर अपना नाम , जाति , गोत्र , वार , तिथि और संवत् लगा लेवें । अब अपनी रक्षा के लिये सरसों या चावल के दाने हाथ में लेकर दशों दिशाओं में थोड़े-थोड़े फेंकते हुए ये दोहा बोलें - "पूरब में श्री कृष्ण जी , दक्षिण में वाराह । पश्चिम केशव दुख हरे, उत्तर श्रीधर शाह ।। ऊपर गिरधर कृष्ण जी, शेषनाग पाताल। दशों दिशा रक्षा करें मेरी नित गोपाल"।। 
4. जलकलश पूजन Jalakalash worship:- जलकलश पूजन पूजा के थाल में रखे जल के कलश पर अक्षत फेंककर वरुण देवता का आह्वान इस दोहे को बोलकर करें-"जल जीवन हैं जगत का वरुण देव का वास। सकल देव निशिदिन करें, कलशे मांहि निवास॥ गंगादिक नदियां बसे, सागर सप्त निवास। पूजा हेतु पधारिये, पाप शाप हो नाश"।।
5. श्री गणपति पूजन Shri Ganpati worship:- अब हाथ जोड़कर तथा यह दोहा बोलते हुए श्री गणेश जी का आह्वान कर नमस्कार करें-"सिद्धि सदन गजवदनवर, प्रथम पूज्य गणराज, प्रथम वन्दना आपको, आय सुधारो काज" ।। अब गणेश जी की मूर्ति या थाल में साठिये पर श्री गणेश जी महाराज का पूजन इस प्रकार करें।
6. श्री शोडषमातृका पूजन Shri Shodashmatrika worship:- अब पूजा के थाल में त्रिशूल पर अक्षत फेंकर यह दोहा बोलते हुए । शोडषमाताओं का आह्वान व नमस्कार करें - बेग पधारो गेह मम, सोलह माता आप। वंश बढ़े पीड़ा कटे, मिटे शोक सन्ताप ॥
7. नवग्रह पूजन Navagraha worship:- अब पूजा के थाल में कुंकुम् की नौ बिन्दियों पर अक्षत फेंककर तथा यह दोहा बोलते हुए नवग्रहों का आह्वान करें - "रवि शशि मंगल बुध गुरु शुक्र शनि महाराज। राहु केतु नव ग्रह नमो , सकल संवारो काज"।। इसके बाद पुन: यह दोहा बोलकर नमस्कार करें- "हे नवग्रह तुमसे करूं विनती बारम्बार। मैं तो सेवक आपका रखो कृपा अपार" ।। 
8. श्री लक्ष्मी पूजन Shree Lakshmi Pujan:- अब नीचे लिखें दोहे को पढ़कर श्री महालक्ष्मी के चित्र की ओर अक्षत फेंकते हुए महालक्ष्मी जी का आह्वान व नमस्कार करते हुए यह दोहा बोले-  "जय जग जननी जय रमा, विष्णु प्रिया जगदम्ब। बेग पधारो गेह मम, करो न मातु विलम्ब ।। पाट बिराजो मुदितमन, भरो अखण्ड भण्डार । भक्ति सहित पूजन करूं करो मात स्वीकार"।। अब हाथ जोड़कर यह दोहा बोलते हुए प्रणाम करें-"विष्णु प्रिया सागर सुता जन जीवन आधार। गेह वास मेरे करो नमस्कार शत बार"।।।। इति श्री महालक्ष्मी पूजन ।। 

CONCLUSION- आज हमनें हमारे लेख-महालक्ष्मी पूजन  मंत्र व पूजा-Maha-Lakshmi Poojan  Mantra Va Pooja से सम्पूर्ण लक्ष्मी पूजने के बारें में जाना।

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